09 DECMONDAY2024 6:11:38 PM
Nari

आदर्श पति-पत्नी बनना है तो राम-सीता से सीखें रिश्तों की बारीकियां

  • Edited By vasudha,
  • Updated: 26 Nov, 2024 07:28 PM
आदर्श पति-पत्नी बनना है तो राम-सीता से सीखें रिश्तों की बारीकियां

नारी डेस्क: आज के शादीशुदा जोड़े छोटी सी बात पर रिश्ता तोड़ने के लिए तैयार हो जाते हैं। ऐसे में हर जोड़े को भगवान राम और माता सीता के वैवाहिक जीवन से कुछ सीख लेनी चाहिए। उनसे सीखे गए  कुछ सबक रिश्ते को मजबूत और स्थिर बनाने में मदद कर सकते हैं। विवाह में इन मूल्यों को अपनाकर आप भी अपने रिश्ते को प्रेरणादायक बना सकते हैं।

PunjabKesari
समानता और परस्पर सम्मान

 
भगवान राम और सीता ने हमेशा एक-दूसरे का सम्मान किया। चाहे सीता का राम के साथ वनवास जाना हो या राम का सीता की पवित्रता पर विश्वास, दोनों ने हर परिस्थिति में एक-दूसरे का साथ दिया।  

सीख:  शादी में एक-दूसरे की भावनाओं और फैसलों का सम्मान करना बहुत जरूरी है।
 

त्याग और समर्पण

भगवान  राम ने अपने पिता के वचन को निभाने के लिए राजसुख छोड़ दिया, और सीता ने स्वेच्छा से वनवास में उनका साथ दिया। यह त्याग और समर्पण का बड़ा उदाहरण है।  

सीख:  रिश्ते में त्याग और निस्वार्थता रिश्ते को मजबूत बनाते हैं।

PunjabKesari

विश्वास और निष्ठा

सीता और राम दोनों ने विपरीत परिस्थितियों में भी एक-दूसरे पर विश्वास बनाए रखा। यह उनके रिश्ते की आधारशिला थी।  

सीख:  शादी में विश्वास सबसे बड़ा आधार होता है।


परिवार और समाज के प्रति दायित्व
  
राम और सीता जी ने न केवल अपने रिश्ते को महत्व दिया बल्कि समाज और परिवार के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को भी निभाया।  

सीख: शादीशुदा जोड़ों को अपने परिवार और समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को नहीं भूलना चाहिए।


धैर्य और सहनशीलता

 राम और सीता ने हर चुनौती को धैर्य और सहनशीलता के साथ स्वीकार किया।  

सीख:  शादी में कठिन समय आने पर धैर्य रखना और एक-दूसरे का सहारा बनना जरूरी है।

PunjabKesari
 संकल्प की शक्ति

भगवान राम ने सीता की रक्षा के लिए हर संभव प्रयास किया और अपने संकल्प में अडिग रहे।  

सीख: जोड़े को अपने रिश्ते को प्राथमिकता देते हुए अपने वादों को निभाने की कोशिश करनी चाहिए।

Related News