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मंगला आरती पर भक्तों की एंट्री बैन,  जन्‍माष्‍टमी पर बांके बिहारी मंदिर जाने से पहले जान लें ये नियम

  • Edited By vasudha,
  • Updated: 06 Sep, 2023 09:58 AM
मंगला आरती पर भक्तों की एंट्री बैन,  जन्‍माष्‍टमी पर बांके बिहारी मंदिर जाने से पहले जान लें ये नियम

उत्तर प्रदेश के मथुरा और वृंदावन में  श्रीकृष्‍ण जन्‍माष्‍टमी के पर्व पर भारी संख्या में श्रद्धालुओं के आने की संभावना देखते हुए जिला प्रशासन ने  मंदिरों में बड़े पैमाने पर इंतजाम किए हैं। खासकर पूर्व में हुए हादसों को ध्‍यान में रखते हुए भीड़ को नियंत्रित करने का पुख्ता इंतजाम किया गया है। इसी बीच भगवान बांके बिहारी जी के दर्शन करने आने वाले श्रद्धालुओं के लिए मंदिर प्रबंधन ने एडवाइजरी जारी की है।

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मंदिर के प्रशासन ने गाइडलाइन जारी करते हुए श्रद्धालु से अपील की है कि भीड़ के दौरान छोटे बच्चे, बुजुर्ग, दिव्यांग एवं बीमार व्यक्ति को अपने साथ लेकर ना आएं। प्रशासन की ओर से बताया गया कि सात सितंबर को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के दिन सुबह 7:45 से दोपहर 12 बजे तक श्रद्धालुओं के लिए पट खुलेंगे। शृंगार आरती 7:55 बजे, राजभोग आरती 11:55 बजे, छींटा देकर गर्भगृह का पर्दा बंद दोपहर 12 बजे हो जाएगा। इसके बाद शाम को 5:30 से रात्रि 9:30 तक मंदिर के पट खुलेंगे।

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वर्ष में एक बार होने वाली मंगला आरती 1:55 पर होगी पर इस दौरान भक्तों को इजाजत नहीं होगी। मंगला आरती के दौरान मंदिर में केवल सेवायत और प्रशासनिक अधिकारियों के अलावा कोई श्रद्धालु मौजूद नहीं रहेगा। अदालत से अगर अनुमति मिलती है, तो श्रद्धालुओं के लिए मंगला आरती के दर्शन मंदिर के बाहर स्क्रीन पर करवाए जा सकते हैं। मंगला आरती के बाद रात 2 बजे से 5:30 बजे तक बांकेबिहारी के दर्शन होंगे।

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बता दें कि बांके बिहारी के देश-दुनिया में भक्‍त हैं और ये मंदिर वृंदावन की तंग गलियों में बना है। ऐसे में जब दुनियाभर के भक्‍त मंदिर में दर्शन के लिए पहुंचते हैं, तो कई बार भीड़ को नियंत्रित करना भी मुश्किल हो जाता है। ऐसे में भक्तों की सहूलियत का ध्यान रखते हुए प्रशासन ने ठाकुर जी के दर्शन में कुछ बदलाव किए हैं।

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 कृष्ण जन्माष्टमी से ठीक दो दिन पूर्व जिलाधिकारी के पद पर नियुक्त किए गए शैलेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि सात सितम्बर को कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व चाक-चौबंद सुरक्षा व्यवस्था के बीच शांति और सद्भावना से मनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि वह भली प्रकार जानते हैं कि यह पर्व ब्रजवासियों एवं दुनिया भर के कृष्ण भक्तों के जीवन में क्या महत्व रखता है। गौरतलब है कि गत वर्ष जन्माष्टमी के अवसर पर वृन्दावन के ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर के प्रांगण में श्रद्धालुओं की अत्यधिक संख्या के चलते एक महिला सहित दो श्रद्धालुओं की मृत्यु हो गई थी।

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