कोरोना का कहर दुनियाभर में अभी चल रहा है। मगर अब इसकी वैक्सीन आने से टीकाकरण अभियान तेजी से हो रहा है। मगर फिर भी इस वायरस ने लोगों के मन में गहरा असर डाला है। इससे दुनियाभर के लोगों का शारीरिक ही नहीं बल्कि मानसिक स्वास्थ्य भी प्रभावित हो रहा है। असल में, कोरोना के कारण लोगों के मन में डर व व्यवहार में बदलाव देखने में मिल रहा है। ऐसे में इस डर व बदलाव को नया शब्द "कोरोनाफोबिया" का नाम दिया गया है। तो चलिए आज हम आपको इस आर्टिकल में "कोरोनाफोबिया" के बारे में विस्तार से बताते हैं...
यह स्थिति कहलाती है कोरोनाफोबिया
कोरोना महामारी ने दुनियाभर के लोगों को आर्थिक, सामाजिक व मानसिक तौर पर हिला कर रख दिया है। इसके कारण लोगों को मन में इसकी चपेट में आने का डर होने के साथ जीवन की आने वाली चुनौतियों का सामना करने में भी डर लग रहा है। उदाहरण के तौर पर हल्की खांसी या छींक आने पर भी संक्रमित होने का खतरा रहता है। भले ही इसके लिए हर किसी को अपनी सुरक्षा का ध्यान रखने की जरूरत है। मगर इस डर के कारण अधिक चिंता करने से लोग तनाव, अनिद्रा, असुरक्षा की चपेट में भी आ रहे हैं। ऐसे में कोरोना की चपेट में आने का अधिक खतरा होने की स्थिति कोरोनाफोबिया कहलाती है। तो चलिए जानते हैं इसके लक्षण, कारण व बचाव...
कोरोनाफोबिया के लक्षण
इस बीमारी से पीड़ित लोगों को कोरोना का अधिक डर होने के कारण तनाव होने लगता है। दुनियाभर में हुई रिसर्च के अनुसार, कोरोना के कारण लोगों के मन में बहुत सी आशंकाएं बढ़ी। जब ये आशंकाएं डर का रूप ले लेती है तो कोरोनाफोबिया की चपेट में आने का खतरा बढ़ता है। एक शोध के मुताबिक,यह समस्याएं पुरुषों के मुकाबले महिलाओं में अधिक हो रही है। तो चलिए जानते हैं कोरोनाफोबिया को पहचानने के लक्षण...
- संक्रमित होना का हर समय डर सताना
- इस स्थिति में व्यक्ति सार्वजिक यानी भीड़ वाली जगह पर जाने का डर
- दिल की धड़कने अचानक से बढ़ना
- एक ही चीज को लेकर बार-बार सोचना
- भूख कम या ना मात्र लगना
- कमजोरी, थकान व अनिद्रा के कारण चक्कर आना
तो चलिए अब जानते हैं कोरोनाफोबिया के प्रकार
कोरोना के कारण लोगों में व्यावहारिक तौर पर बदलाव देखने को मिले। ऐसे में बहुत से लोग इसकी चपेट में आने, बीमारी की अनिश्चितता व अपने आने वाले कल को लेकर परेशान है। ऐसे में वे कोरोनाफोबिया का शिकार हो रहे हैं। एक्सपर्ट्स के अनुसार कोरोनाफोबिया के मुख्य 3 प्रकार है। तो चलिए जानते हैं इनके बारे में विस्तार से...
फिजियोलॉजिकल
इस स्थिति में व्यक्ति को सांस से जुड़ी परेशानी, कमजोरी के कारण चक्कर आना, भूख कम लगना, घबराहट व डर से कंपकंपी होना व अनिद्रा के लक्षण देखने को मिलते हैं। पहले से मानिसक व किसी तरह की मनोवैज्ञानिक बीमारी से परेशान लोग इसके शिकार हो सकते हैं।
व्यावहारिक समस्या
कई लोग वायरस के डर के कारण अकेलेपन का शिकार हो गए है। ऐसे में भीड़ व लोगों से दूर रहना ही सही समझ रहे हैं। इसके साथ ही वे कहीं आने-जाने या किसी चीज को टच करने में भी डर महसूस करते हैं।
अलग-अलग भाव
कोरोना के कारण व्यक्ति में डर व चिंता के कारम कई भाव देखने को मिल रहे हैं। ऐसे में वे उनके मन में बहुत से सवाल पैदा हो रहे हैं। जैसे कि यह बीमारी कब खत्म होगी? अगर हम इसकी चपेट में आ गए तो? नौकरी व व्यापार कैसे चलेगा? ऐसे में ये सवाल व्यक्ति को कई तरह की मानसिक बीमारियों के होने का खतरा बढ़ाती है।
कोरोनाफोबिया होने के मुख्य कारण
- कोरोना की चपेट में आने का डर
- अपने आने वाेल कल यानी भविष्य की चिंता सतानी
- कोरोना के कारण डेली रूटीन में बदलाव होना
- ज्यादा देर अकेले रहना
- हर समय सोचते रहना
- दूसरे के बिहेव में आया बदलाव
- आर्थिक तौर पर परेशानी होना
यूं करें कोरोनाफोबिया से बचाएं
कोरोना से डरने वाली स्थिति को एक्सपर्ट्स ने कोरोनाफोबिया का कहा है। इससे बचने व छुटकारा पाने के लिए डेली लाइफस्टाइल में कुछ बदलाव लाने की जरूरत है। तो चलिए जानते हैं उपायों के बारे में...
- मन को शांत रखें।
- घबराने, चिंता व डरने की जगह खुद पर भरोसा रखकर खुश रहने की कोशिश करें।
- रोजाना 30 मिनट तक योगा, एक्सरसाइज व मेडिटेशन करें।
- अपने रोजाना के कामों को दिल से करें।
- कोरोना के बारे में अधिक सोचने की जगह खुद को बिजी रहे।
- दोस्तों व किसी करीबी से बातें शेयर करें।
- अपनों के साथ घूमने जाएं।
नोट- अगर इनसे अधिक फर्क ना पड़े तो बिना देरी किए मनोचिकित्सक की सलाह लें।