चीकू खाने में टेस्टी होने के साथ गुणों से भरपूर होता है। इसमें कैल्शियम, आयरन, फाइबर, विटामिन, एंटी-ऑक्सीडेंट गुण होने के साथ फ्रूटोज, सूक्रोज जैसी नेचुरल चीनी होती है। ऐसे में इसके सेवन से शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ने में मदद मिलती है। ऐसे में सर्दी, खांसी, जुकाम से छुटकारा मिलता है। साथ ही मांसपेशियों व हड्डियों को मजबूती मिलने से बेहतर विकास होता है। मगर बात बच्चों की करें तो इसे बहुत से बच्चे इस बात लेकर सोच में रहते हैं कि इसे बच्चों को कब और कैसे खिलाना चाहिए। तो चलिए आज हम आपको चीकू के फायदे बताते हुए इसे बच्चे को खिलाने का सही समय व तरीक बताते हैं...
इस उम्र में और ऐसे खिलाएं शिशु को चीकू
शिशु को 6 महीने के होने पर उसे ठोस चीजें खिलाएं जा सकती है। ऐसे में अगर आपका बच्चा 6 महीने या इससे बड़ा है तो आप उसे चीकू खिला सकती है। इससे उसकी इम्यूनिटी बढ़ने के साथ बीमारियों से बचाव रहेगा। बात बच्चे को चीकू खिलाने की करें तो इसके लिए चीकू का छिलका उतार कर उसे मैश करके खिलाएं।
बच्चों को चीकू खाने के फायदे
- चीकू आयरन का उचित स्त्रोत होने से खून की कमी पूरी करता है। इससे बच्चे में थकान, कमजोरी की परेशानी दूर होकर दिन भी एक्टिव रहने में मदद मिलती है।
- इसमें फाइबर होने से पाचन तंत्र मजबूत होने में मदद मिलती है। ऐसे में पेट दर्द, कब्ज, अपच, एसिडिटी आदि परेशानियों से आराम रहता है।
- चीकू में विटामिन ए,सी, बी6 अधिक होता है। ऐसे में इसके सेवन से आंखों की रोशनी बढ़ने के साथ इससे जुड़ी परेशानियों से बचाव रहता है।
- इसमें मौजूद विटामिन बी6 दिमाग का बेहतर विकास करने में मदद करता है।
- इसमें मौजूद एंटी-ऑक्सडेंट, एंटी-बैक्टीरियल गुण इम्यूनिटी बढ़ाने के साथ मौसमी बीमारियों से बचाव रखते हैं। ऐसे में अगर आपका बच्चा बार-बार सर्दी, जुकाम, कफ व खांसी की चपेट में आता है तो उसे चीकू जरूर खिलाएं।
शिशु के चीकू खिलाने से पहले इन बातों का रखें ध्यान
- सबसे पहले इस बात का ध्यान रखें कि कोई भी चीज सीमित मात्रा में ही खानी चाहिए। ऐसे में शिशु को चीकू कम मात्रा में खिलाएं।
- शिशु को हमेशा चीकू का छिलका उतार कर खिलाएं।
- ध्यान रखें कि चीकू में बीज ना हो। ऐसे में वे उसके गले में फंस सकता है।
- खराब चीकू खिलाने से बच्चे का पाचन तंत्र कमजोर हो सकता है।
- शिशु को कच्चा चीकू खिलाने की गलती ना करें। इससे वह उसके गले में फंस सकता है। ऐसे में उसे खांसी व गले में जलन व सूजन की शिकायत हो सकती है। इसके अलावा शिशु को सांस लेने में भी परेशानी हो सकती है। इसलिए उसे हमेशा पका और कोमल चीकू खिलाएं।