25 APRTHURSDAY2024 6:17:15 AM
Nari

शनिवार के दिन व्रत रखने से बदल सकता है आपका भाग्य, राहु-केतु की कुदृष्टि से मिलेगी मुक्ति

  • Edited By Kirti,
  • Updated: 26 May, 2023 05:16 PM
शनिवार के दिन व्रत रखने से बदल सकता है आपका भाग्य, राहु-केतु की कुदृष्टि से मिलेगी मुक्ति

न्याय के देवता शनि महाराज केवल कर्मों के आधार पर अपना फल देते हैं। धार्मिक मान्यता है कि जब शनिदेव किसी पर प्रसन्न हो जाते हैं तो उसकी जिंदगी पूरी तरह बदल जाती है, उसको कभी किसी चीज की कमी नहीं रहती। वहीं जब वह दण्ड देते हैं तो महादशा, दशा, साढ़ेसाती और ढैय्या लगती हैं। अगर आप भी शनिदेव की कृपा पाना चाहते हैं तो शनिवार के दिन शनिदेव का व्रत रखें। शनिदेव ​की कृपा से व्यक्ति को सुख-समृद्धि, मान-सम्मान और धन-यश प्राप्ति होती है और शनि संबन्धी कष्ट दूर हो जाते हैं। तो चलिए जानते है व्रत के बारे में।

PunjabKesari

व्रत सामग्री

लोहे की शनिदेव की प्रतिमा
काला तिल
काला वस्त
काले तिल का तेल/ काली सरसों का तेल
काली उड़द

PunjabKesari


इस तरह करें शनिवार का व्रत और पूजा विधि  

1 शनिवार के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर नदी या कुएं के जल से स्नान करें।
2 तत्पश्चात पीपल के वृक्ष पर जल अर्पण करें।
3 लोहे से बनी शनि देवता की मूर्ति को पंचामृत से स्नान कराएं।
4 फिर इस मूर्ति को चावलों से बनाए चौबीस दल के कमल पर स्थापित करें।
5 इसके बाद काले तिल, फूल, धूप, काला वस्त्र व तेल आदि से पूजा करें।
6 पूजन के दौरान शनि के 10 नामों का उच्चारण करें। कोणस्थ, कृष्ण, पिप्पला, सौरि, यम, पिंगलो, रोद्रोतको, बभ्रु, मंद, शनैश्चर।
7 पूजन के बाद पीपल के वृक्ष के तने पर सूत के धागे से सात परिक्रमा करें।
8 इसके पश्चात निम्न मंत्र से शनि देव की प्रार्थना करें।

शनैश्चर नमस्तुभ्यं नमस्ते त्वथ राहवे।
केतवेअथ नमस्तुभ्यं सर्वशांतिप्रदो भव॥

9 ऐसे ही 7 शनिवार तक व्रत करते हुए शनि के प्रकोप से सुरक्षा के लिए शनि मंत्र की समिधाओं में, राहु की कुदृष्टि से सुरक्षा के लिए दूर्वा की समिधा में, केतु से सुरक्षा के लिए केतु मंत्र में कुशा की समिधा में, कृष्ण जौ, काले तिल से 108 आहुति प्रत्येक के लिए देनी चाहिए।
इसके बाद किसी जरूरतमंद को भोजन कराएं। लेकिन खुद दिनभर उपवास रखें, आप चाहें तो फलाहार ले सकते हैं। शाम के समय पूजा के बाद अपना व्रत खोलें।

PunjabKesari

शनिवार का व्रत और पूजा का लाभ

1 कठिन परिश्रम, अनुशासन, निर्णय लेने की क्षमता में वृद्धि।
2 रोग मुक्त जीवन तथा आयु में वृद्धि।
3 व्रत एवं पूजा करने से शनि ग्रह का दोष समाप्त होता है और आने वाले प्रकोप से भी बचा जा सकता है।
4 साढ़ेसाती और ढैय्या के प्रभाव से मुक्ति।
5 घर में बनी रहती है सुख और शांति।
6 सुख-समृद्धि, मान-सम्मान और धन-यश की भी प्राप्ति
7 मनुष्य की सभी मंगलकामनाएं सफल होती हैं।


 

 

 

 

 

 

 

Related News