नारी डेस्क: बॉम्बे हाई कोर्ट द्वारा फिल्म 'इमरजेंसी' के लिए प्रमाणन देने से इनकार करने के बाद कंगना रनौत ने सोशल मीडिया पर अपना दर्द बयां किया। उन्होंने कहा कि वह हर किसी की पसंदीदा लक्ष्य बन गई हैं और यह वह कीमत है जो किसी को 'सोए हुए देश' को जगाने के लिए चुकानी होगी। 6 सितंबर को रिलीज के लिए तैयार 'इमरजेंसी' को अभी तक सेंसर सर्टिफिकेट नहीं मिला है।
एक्स पर एक पोस्ट में, कंगना ने कहा- "आज मैं हर किसी की पसंदीदा लक्ष्य बन गई हूं, यह वह कीमत है जो आपको इस सोए हुए देश को जगाने के लिए चुकानी होगी, वे नहीं जानते कि मैं किस बारे में बात कर रही हूं उन्हें कोई अंदाजा नहीं है कि मैं इतनी चिंतित क्यों हूं, क्योंकि वे चाहते हैं शांति, वे किसी का पक्ष नहीं लेना चाहते। वे शांत हैं, आप जानते हैं कि शांत!! हा हा काश सीमा पर उस बेचारे सैनिक को भी शांत रहने का यही विशेषाधिकार मिलता, काश उसे किसी का पक्ष लेने की ज़रूरत न पड़ती, और वह पाकिस्तानियों/चीनियों को अपना दुश्मन न मानता। वह आपकी रक्षा कर रहा है जबकि आप आतंकवादियों या राष्ट्र-विरोधियों पर वासना कर सकते हैं।"
कंगना ने आगे लिखा- "काश वह युवती जिसका अपराध केवल इतना था कि वह सड़क पर अकेली थी और उसके साथ बलात्कार किया गया, वह शायद एक सज्जन और दयालु व्यक्ति होती जो मानवता से प्यार करती थी लेकिन क्या उसकी मानवता का बदला चुकाया गया? काश सभी लुटेरे और अपराधी भी इस शांत और सोई हुई पीढ़ी की तरह ही प्यार और स्नेह रखते लेकिन जीवन की सच्चाई कुछ और ही है। चिंता मत करो वे तुम्हारे पीछे आ रहे हैं अगर हममें से कुछ लोग भी तुम्हारी तरह कूल बन गए तो वे तुम्हें पकड़ लेंगे और तब तुम्हें अनकूल लोगों का महत्व पता चलेगा,"।
दरअसल बॉम्बे हाईकोर्ट ने बुधवार को अपना फैसला सुनाते हुए कहा- वह केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) को प्रमाण पत्र जारी करने का निर्देश देने में असमर्थ है क्योंकि यह एमपी हाईकोर्ट के आदेश का खंडन करेगा। 'इमरजेंसी' की सह-निर्माता कंपनी जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज ने अभिनेत्री कंगना रनौत की फिल्म की रिलीज और सेंसर सर्टिफिकेट की मांग करते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।बॉम्बे हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी, जिसमें दावा किया गया था कि सेंसर बोर्ड ने मनमाने ढंग से और अवैध रूप से फिल्म का सेंसर सर्टिफिकेट रोक रखा है।