हिंदू धर्म में अमावस्या की तिथि का बहुत ही खास महत्व बताया गया है। इस साल ज्येष्ठ महीने की अमावस्या 19 मई को मनाई जाएगी। इस दिन वट सावित्री व्रत और शनि जयंती भी मनाई जाएगी। ज्येष्ठ महीने के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को ज्येष्ठ अमावस्या मनाई जाती है। इस बार अमावस्या की तिथि 19 मई को रात 09:23 पर शुरु होगी। वहीं हिंदू धर्म में अमावस्या और पूर्णिमा की तिथि का बहुत ही खास महत्व होता है। इन दोनों ही दिनों में पवित्र नदियों में स्नान और दान करना शुभ माना जाता है। तो चलिए आपको बताते हैं इनके बारे में...
गंगा स्नान को होता है खास महत्व
ज्येष्ठ अमावस्या वाले दिन गंगा स्नान करना शुभ माना जाता है। हिंदू धर्म के अनुसार, अमावस्या वाले दिन गंगा में स्नान और दान-पुण्य करने से शुभ फल मिलता है। परंतु यदि आप गंगा में स्नान नहीं कर सकते तो घर में पानी में गंगा जल डालकर स्नान करें। इसके अलावा सूर्य देव को अर्घ्य देकर पितरों को तर्पण करना भी इस दिन शुभ माना जाता है। जरुरत मंद व्यक्ति या ब्राह्मण को इस दिन भोजन करवाना बहुत ही शुभ माना जाता है।
इन चीजों का करें दान
ज्येष्ठ अमावस्या वाले दिन दान करना बहुत ही शुभ माना जाता है। मान्यताओं के अनुसार, इस दिन गेंहू, चना, मूंग दाल, तिल, जौ और चावल का दान करें। इन सब चीजों का दान करने से आपको जीवन में पितरों का आशीर्वाद मिलेगा।
पापों से मिलेगी मुक्ति
यदि संभव हो पाए तो इस दिन गंगा नदी में स्नान जरुर करें। मान्यताओं के अनुसार, अमावस्या वाले दिन गंगा नदी में स्नान करने से व्यक्ति को पापों से मुक्ति मिलती है।
शनिदेव की करें उपासना
माना जाता है कि ज्येष्ठ अमावस्या वाले दिन भगवान शनि देव का जन्म हुआ था इसलिए इस दिन शनि जयंती मनाई जाती है। अमावस्या वाले दिन शनि देव की पूजा करें। शनि देव की पूजा अर्चना करने से जातक के जीवन से शनि की साढ़ेसाती और शनि की ढैय्या दूर होती है।
पूजा अर्चना करने से धन-धान्य में होगा लाभ
इस बार ज्येष्ठ अमावस्या वाले दिन शोभन नाम का योग भी बन रहा है। मान्यताओं के अनुसार, इस योग में पूजा अर्चना करने से धन-धान्य बढ़ता है और व्यक्ति का मान-सम्मान भी बढ़ता है।
भूलकर भी न करें ये काम
. इस दिन मांसाहारी भोजन और मदिरा जैसी चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए।
. इसके अलावा इस दिन बड़े-बुजुर्ग और किसी जरुरतमंद व्यक्ति का अपमान भी न करें।
. इस दिन ब्रह्मचर्य का पालन भी जरुर करें।