अभिनेता वरूण धवन अभिनीत फिल्म ‘बवाल' शादीशुदा जीवन में कलह की कहानी बताने के लिए ‘होलोकास्ट' का इस्तेमाल करने पर विवाद में फंस गई है। यहूदियों के प्रमुख संगठन ने लाखों लोगों की पीड़ा का ‘तुच्छ रूप में प्रदर्शन' करने के लिए उसकी आलोचना की और ‘प्राइम वीडियो' से फिल्म हटाने को कहा। होलोकास्ट के पीड़ितों की स्मृति को समर्पित ‘साइमन विसेन्थल सेंटर' (एसडब्ल्यूसी) ने कहानी कहने के लिए “नाज़ी होलोकास्ट का दुरुपयोग करने के लिए फिल्म की आलोचना की''।
‘बवाल' का निर्देशन नितेश तिवारी ने किया है। फिल्म में वरूण धवन हाई स्कूल में इतिहास के शिक्षक अजय दीक्षित की भूमिका में हैं तथा जान्हवी कपूर उनकी पत्नी निशा का किरदार निभा रही हैं। वे यूरोप की यात्रा पर जाते हैं जहां वे द्वितीय विश्व युद्ध से जुड़े अहम स्थलों का दौरा करते हैं जिनमें ऑशविट्ज और एम्स्टर्डम में ऐनी फ्रैंक का घर शामिल है। फिल्म में दिखाया गया है कि दंपति होलोकास्ट को याद करके कैसे अपने मतभेदों को दूर करते हैं।
साइमन विसेन्थल सेंटर ने इस हफ्ते के शुरू में जारी किए बयान में कहा कि फिल्म में ऐसे दृश्य हैं जिनमें कलाकार धारीदार कपड़े पहनकर ऑशविट्ज के गैस चैम्बर में जाते हैं और उनका दम घुटता है। एसडब्ल्यूसी के एसोसिएट डीन और ग्लोबल सोशल एक्शन के निदेशक रब्बी अब्राहम कूपर ने कहा कि फिल्म में इंसान के लालच के लिए हिटलर का इस्तेमाल एक रूपक के तौर पर किया गया है और फिल्म का नायक अपनी पत्नी से कहता है कि “ हम सब कुछ हद तक हिटलर की तरह हैं, है ना?" उन्होंने कहा कि ऑशविट्ज कोई रूपक नहीं है, बल्कि इस बात का उदाहरण है कि कोई शख्स कितना बुरा हो सकता है।
कूपर ने कहा कि नितेश तिवारी ने कत्ल कर दिए गए 60 लाख यहूदियों और हिटलर के नरसंहार शासन की ज्यादतियां सहने वाले लाखों अन्य लोगों के दर्द की याद को मामूली तौर पर दिखा उसका अपमान किया। उन्होंने कहा कि फिल्म का मकसद इस तरह के दृश्य दिखाकर प्रचार हासिल करना था तो वे इसमें कामयाब हो चुके हैं। भारत में इजराइल के राजदूत नेऑर गिलोन ने ने भी अपना विरोध दर्ज करवाया है। वहीं फिल्म को लेकर मचे बवाल पर वरुण धवन ने कहा था कि, इसमें कुछ नया नहीं है, मैं पहले भी अपनी कई फिल्मों को लेकर क्रिटिसाइज हो चुका है और मैं क्रिटिसिज्म का सम्मान करता हूं।