किसी ने सच ही कहा है कि ये इंडस्ट्री जितना देती हैं उससे कही ज्यादा आपसे लेती भी हैं। 70-80 दशक में ऐसी बहुत सारी एक्ट्रेस हैं जिन्होंने इंडस्ट्री पर राज किया लेकिन आज गुमनामी की जिंदगी जी रही है लेकिन कुछ मुश्किलों के दौर से गुजर कर भी खुद को संभाले हुए हैं। उन्हीं में से एक हैं जयाप्रदा। जिन्हें ब्यूटी विद टैलेंट भी कहा जाता रहा है। मशहूर निर्देशक सत्यजीत राय ने जया प्रदा को ‘इंडस्ट्री का सबसे खूबसूरत चेहरा’ भी कहा था। करियर की बुलंदियां छूने वाली जया की जिंदगी में एक ऐसा दौर भी आया था जब उन्होंने अपना करियर, प्यार यहां तक शादीशुदा जिंदगी सब खो दिया था लेकिन उस दर्द भरे अतीत से वह बाहर निकली आगे बढ़ी और फिर से सफलता की सीढ़ी पर सवार हो गई। ललिता रानी के नाम से जन्मी एक भोली प्यारी सी लड़की जया प्रदा कैसे बनी चलिए आज के पैकेज में हम आपको जया प्रदा की ही लाइफ और लव स्टोरी के बारे में बताते हैं।
आंध्र प्रदेश के राजमुंदरी में एक मिडल क्लास फैमिली के घर में 3 अप्रैल, 1962 को जन्मी जया प्रदा का असली नाम ललिता रानी है। छोटे से शहर की लड़की जो डॉक्टर बनने के सपने देखती थी। वो सिर्फ 7 साल की थी जब मां ने स्कूल के साथ- साथ उन्हें नृत्य और संगीत की शिक्षा दिलवाना भी शुरू कर दिया था। 15 साल की उम्र से पहले ही वो क्लासिकल डांस में बहुत निपुण हो गई थीं। उनके पिता कृष्णा राव एक फिल्म फाइनेंसर थे और उनकी मां एक हाउसवाइफ थीं हालांकि शुरूआती ब्रेक उन्हें घर के माध्यम से नहीं मिला। वह सिर्फ 14 साल की थी जब एक स्कूल समारोह में मंच पर नृत्य करते हुए एक निर्देशक की उनपर नज़र पड़ी थी और उन्हें एक रोल के लिए साइन कर लिया गया। फिल्म का नाम था 'भूमि कोसम' और इस फिल्म के 3 मिनट के गाने में जया को परफॉर्म करना था हालांकि पहले जया फिल्मों में काम करने को घबरा रही थीं लेकिन परिवार ने उन्हें प्रोत्साहित किया कि वह आगे बढे। पहली फिल्म के लिए महज 10 रु. फीस मिली थीं। चरित्र अभिनेता प्रभाकर रेड्डी ने उन्हें जयाप्रदा का नाम दिया। इसी के साथ ललिता बन गई जया प्रदा जिसने फिर लम्बे अरसे तक मुड़ कर नहीं देखा। एक के बाद एक हिट फ़िल्में, इंडस्ट्री के लगभग सभी बड़े एक्टर्स के साथ काम करते हुए वो बॉलीवुड की सबसे चहेती एक्ट्रेस बन गईं।
जया प्रदा जिन्होंने लगभग 300 फिल्में की सिर्फ हिंदी नही बल्कि तमिल, तेलुगु, कन्नड़, मल्यालम, बंगाली और मराठी फिल्मों में भी उनका अहम योगदान रहा है। एक वक्त ऐसा था जब वह इंडस्ट्री में सबसे अधिक फीस लेने वाली फीमेल एक्टर थीं। उनके इन्हीं पैसों के साथ इनकम टैक्स का कहर उन पर बरपा था। 1985 में जया के घर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की रेड पड़ गई थी।, जिसने जया को तोड़ कर रख दिया था। बड़े पैमाने में उनका पैसा जब्त हो गया। बस यहीं से शुरू हुई जया की जिंदगी में मुश्किलों का दौर। हालांकि इस मुश्किल दौर में फिल्म प्रोड्यूसर श्रीकांत नाहटा ने जया का साथ दिया। जया को उस वक्त फाइनेंशियल और इमोशनल सपोर्ट नाहटा से ही मिली। यहीं से दोनों की दोस्ती प्यार में बदली और मोहब्बत के चर्चे इंडस्ट्री में होने लगे लेकिन जितना सफल उनका करियर था उतनी ही असफल उनकी शादीशुदा जिंदगी रहीं।
श्रीकांत से शादी करना ही जया प्रदा की जिंदगी का वो फैसला ही उनके करियर का अंत बन गया। एक्ट्रेस का करियर पीक पर था जब उन्होंने तीन बच्चों के पिता से शादी की थी। श्रीकांत नहाटा ने अपनी पहली पत्नी को तलाक नहीं दिया था और इस कारण भी ये शादी बहुत चर्चा में रही थी। फिल्मी करियर में सतर्क रहने वाली जया पर दूसरी बीवी का टैग लग चुका था। धीरे-धीरे प्रोड्यूसर्स उनसे अलग होते गए और जया प्रदा को कम फिल्में मिलने लगीं। जिस इंडस्ट्री ने सब कुछ दिया फिर एक दिन एक फैसले पर वहीं इंडस्ट्री दूर भी हो गई। शादी करने के बावजूद ‘दूसरी औरत’ का टैग जया पर लग गया था। ना तो नाहटा ने जया प्रदा को अपने घर में रखा, ना ही इन दोनों का कोई बच्चा हुआ। एक तरह से जया प्रदा इस शादी के बाद भी अकेली ही थीं लेकिन ज़िंदगी को बेहतर बनाने के लिए जया ने कुछ कड़े फ़ैसले लिए। उन्होंने अपनी बहन के बेटे को अडॉप्ट किया और उसे सम्राट नाम दिया। अब जया प्रदा अपने बेटे के साथ ही रहती हैं।
बता दें कि अभिनेत्री से राजनेता बनी जया प्रदा बीजेपी से दो बार रामपुर की सांसद रहीं। बॉलीवुड की सफल अभिनेत्री का किस्मत राजनीति में भी खूब चली। साल 1994 वे तेलुगु देशम पार्टी में जा शामिल हुईं। टीडीपी ने जया को दो सालों के बाद ही राज्यसभा सांसद बना दिया। 2004 में वो समाजवादी पार्टी का हिस्सा बनी और रामपुर से सांसद भी रहीं। साल 2019 में जया बीजेपी में शामिल हुईं और रामपुर से चुनाव लड़ी। चुनाव में आजम खान ने जया को हराकर जीत हासिल की। वह कई रिएलिटी शो में बतौर मेहमान नजर भी आती हैं। करियर में बुलंदियां पाने वाली जया प्यार में सफल ना हो पाई। उन्हें वो दर्जा नहीं मिल पाया जो वो चाहती थी हालांकि उन्होंने खुद को संभाला और आगे ही बढ़ती गई। अपनी बेटे को गोद लेकर उस पर अपनी ममता लुटाई।