फिल्म अभिनेत्री एवं समाजवादी पार्टी की राज्यसभा सदस्य जया बच्चन के गुस्से से तो सभी वाकिफ हैं। उन्हें कई बार कैमरे के सामने चीखते-चिल्लाते हुए देखा गया है, अपने गुस्से को लेकर वह खुद भी परेशान हैं। संसद में उन्होंने इसे लेकर अपनी सफाई देते हुए कहा कि- जो बात गलत होती है, उसे वह सह नहीं पाती हैं और बोल देती हैं।
राज्यसभा से सेवानिवृत्त होने जा रहीं समाजवादी पार्टी की जया बच्चन ने वीरवार को यह बात उच्च सदन में कही। उन्होंने यह भी कहा कि यदि कोई उनके शब्दों से आहत हुआ हो तो वह क्षमा चाहती हैं। उच्च सदन में जिन 68 सदस्यों का कार्यकाल फरवरी से अप्रैल के दौरान पूर्ण होने जा रहा है उनमें जया बच्चन भी शामिल हैं।
अभिनेत्री ने सदन में 20 साल के अपने अनुभवों का जिक्र करते हुए कहा- ‘‘20 साल जीवन का बहुत लंबा समय रहता है। मुझे कई खट्टे मीठे अनुभव हुए। सबसे अच्छा अनुभव यह रहा कि मेरा परिवार बहुत बड़ा हो गया।'' जया ने कहा- ‘‘मुझसे सहयोगी अक्सर पूछते हैं कि मैं इतना गुस्सा क्यों हो जाती हूं। मैं क्या करूं, मेरा स्वभाव ही ऐसा है। जो बात मुझे गलत लगती है, उसे मैं नहीं सह पाती, बोल देती हूं। अगर मेरे शब्दों से कोई आहत हुआ है तो मैं क्षमा मांगती हूं।'' उन्होंने कहा ‘‘मैं कामना करती हूं कि यह सदन सदा समृद्ध होता रहे और यहां आने वाले विशेषज्ञों के अनुभवों से लाभान्वित होता रहे।'
याद हो कि दो दिन पहले जया बच्चन और सभापति जगदीप धनखड़ के बीच तीखी बहस हो गई थी। उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह के एक सवाल को नजरअंदाज करने पर सांसद जया बच्चन ने नाराजगी जताई। इस दौरान जया ने गुस्से में उप राष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ से कहा कि अगर कोई मुद्दा सदस्यों को समझाया जाता है तो उन्हें समझ में आ जाता और वह स्कूली बच्चे नहीं हैं। दूसरी बात सभी सांसदों के साथ सम्मानपूर्वक व्यवहार किया जाना चाहिए।