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बच्चे के जन्म के बाद खुद को संभालने में मां को लग जाते हैं दो साल ! उनका भी रखो ख्याल

  • Edited By vasudha,
  • Updated: 11 May, 2023 01:21 PM
बच्चे के जन्म के बाद खुद को संभालने में मां को लग जाते हैं दो साल ! उनका भी रखो ख्याल

मां बनना जितना खूबसूरत एहसास है, उतना ही मुश्किल भरा भी है। जहां एक तरफ घर में आए नए सदस्य की खुशियां मनाई जाती है तो वहीं दूसरी तरफ मां बनी औरत मानसिक, शारीरिक, भावनात्मक बदलावों, दर्द और अनुभवों से गुजर रही होती है। आपको यह जानकर हैरानी होगी कि बच्चे के जन्म के बाद मां काे संभलने में कम से कम 2 साल का समय लगता है। 

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कुछ महिलाएं नहीं संभाल पाती खुद को

भले ही कुछ महिलाएं देखने में बेहद Strong लगती हैं, पर वह अंदर से कई तरह के अहसास से गुजर रही होती है। बच्चे के जन्म के बाद एक मां वैसे नहीं रहती जैसे वह पहली थी। उसे उसी शेप, उसी एनर्जी में वापस आने में कम से कम दो साल लग जाते हैं। जरूरी नहीं है कि हर महिला के साथ ऐसा होता है कुछ बहुत जल्द ही खुद को रिकवर कर लेती हैं तो वही कुछ के लिए सभी चीजों को वापस लाने में बहुत समय लग जाता है। 

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हर मां को देना चाहिए वक्त

पहली बार मां बनी महिलाओं के लिए खुद को संभालना थोड़ा मुश्किल होता है, क्योंकि वह पहली बार इस एहसास से जो गुजर रही होती हैं। ऐसे में हम तो यही कहेंगे कि खुद को कोसने से बढ़िया खुद को समझने की कोशिश करे। अपने आप को वक्त दो और समझो कि आपके साथ कुछ गलत नहीं हो रहा है, हर मां को इस अनुभव से गुजरना पड़ता है, बस जरूरत है हिम्मत रखने की। 

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डिप्रेशन में चली जाती है महिलाएं

कई स्टडी में भी यह बात सामने आ चुकी है कि प्रेग्‍नेंसी की वजह से अक्‍सर नई माएं स्‍ट्रेस और डिप्रेस महसूस करती हैं। डिलीवरी के बाद ज्‍यादातर महिलाओं को मूड स्विंग्‍स, चिड़चिड़ापन और एंग्‍जायटी महसूस होती है। डिलीवरी के बाद शरीर में आए बदलावों और शिशु की देखभाल के चलते वह खुद में इतना उलझ जाती हैं कि उन्हें मालूम ही नहीं होता कि वह डिप्रेशन में हैं।

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डिप्रेशन का फेज होता है लंबा

डिलीवरी के बाद डिप्रेशन का फेज 4 से 6 हफ्ते तक रह सकता है। कुछ मामलों में यह प्रेग्‍नेंसी से ही शुरू हो सकता है और एक साल तक रह सकता है। इतना ही नहीं कई महिलाओं को डिलीवरी के बाद 3 साल तक पोस्‍टपार्टम डिप्रेशन रह सकता है, ऐसे में जरुरत है उनकी देखभाल की। जिस तरह एक छोटे बच्चे की हर बात पर गौर किया जाता है और उसी हिसाब ने उनका ध्यान रखा जाता है, उसी तरह मां को भी देखभाल की जरूरत होती है वह कह नहीं पाती लेकिन परिवार को यह समझना चाहिए। 

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खुद पर ना डालें भार 

कई बार महिलाएं खुद पर इतना भार डाल देती हैं कि वह शिशु के साथ वैसा बॉन्‍ड नहीं बना पाती जैसा एक मां और बच्चे की बीच होना चाहिए। यही वजह है कि डिलीवरी के तुरंत बाद की गई देखभाल से मां और शिशु को आगे चलकर लंबे समय तक फायदा होता है।डिलीवरी के बाद महिलाओं को रोजाना के काम करने में परेशानी हो सकती है, ऐसे में किसी की  मदद लेने में  संकोच नहीं करना चाहिए। घर के लोगों की मदद लेने से ही आप जल्द रिकवर हो पाएंगी।  

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