निर्भया सामूहिक बलात्कार कांड, 2012 की जांच अधिकारी एवं भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) की अधिकारी छाया शर्मा की 8 साल बाद दिल्ली पुलिस में वापसी हो गई है। छाया ने ही निर्भया कांड की गुत्थी 24 घंटे में सुलझाकर आरोपियों को फांसी की सजा दिलाने में अहम भूमिका निभाई थी।
छाया के साथ उनके पति की भी हुई वापसी
अब छाया शर्मा को दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा में संयुक्त आयुक्त नियुक्त किया गया है। छाया के साथ ही उनके पति आईपीएस अधिकारी विवेक किशोर की भी उन्हीं के साथ दिल्ली पुलिस में वापसी हो गई है। शर्मा, फिलहाल केन्द्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) में निदेशक के पद पर कार्यरत थीं।
निर्भया गैंगरेप मामले के दौरान डीसीपी पद पर थी छाया
उपराज्यपाल अनिल बैजल द्वारा जारी आदेश में कहा गया कि भारतीय पुलिस सेवा की अधिकारी का तत्काल प्रभाव से तबादला किया जाता है। 16 दिसंबर 2012 को जब दिल्ली में निर्भया गैंगरेप मामला सामने आया था तब छाया साउथ दिल्ली इलाके की डीसीपी थी। उन्होंने तुरंत कार्रवाई करते हुए 24 घंटे के अंदर ही आरोपियों को गिरफ्तार करने में सफलता पाई थी।
छाया पर बनी थी एक वेब सीरीज
इस पूरी घटना पर दो साल पहले एक वेब सीरीज आई जिसका नाम था दिल्ली क्राइम। दिल्ली क्राइम सीरीज में छाया शर्मा के किरदार का नाम वर्तिका चतुर्वेदी था। छाया ने कहा था कि- एक महिला होने के नाते इस केस में मुझ पर लोगों ने भरोसा किया। जब ये रेप हुआ तो ऐसा लगा कि मेरे भीतर भी कुछ घटित हुआ है। उन्होंने कहा था कि अगर आप किसी और की बेटी को नहीं बचा सकते हैं तो अपनी बेटी की रक्षा क्या करेंगे?
आरोपियों को पकड़ने के लिए दिन रात कर दिया था एक
छाया ने उस घटना का जिक्र करते हुए बताया था कि- कई बलात्कार हुए हैं लेकिन इस मामले में जो ज़ख़्म दिया गया था वो हिलाने वाला था। मैंने जैसा महसूस किया वैसे ही इस केस को आगे बढ़ाया। अपराधियों को पकड़ने के लिए छाया शर्मा ने 100 पुलिसकर्मियों की अगल-अलग टीमें बनाई गईं। केस के बाद छाया का ट्रांसफर मिजोरम कर दिया गया। निर्भया केस के बाद अप्रैल-2013 में छाया शर्मा प्रमोट होकर डीआईजी रैंक पर मिजोरम चली गई थीं, जहां उन्होंने सीआईडी का कामकाज देखा। 2020 में उन्हें सीवीसी में डायरेक्टर के पद पर तैनात कर दिया गया और वहां से अब उनकी दिल्ली पुलिस में वापसी हुई है।