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पहले चलाई टैक्सी, फिर रेहड़ी पर खोला ढाबा, पति के एक्सीडेंट ने बदल दी कांता की जिंदगी

  • Edited By Anjali Rajput,
  • Updated: 24 May, 2021 03:24 PM
पहले चलाई टैक्सी, फिर रेहड़ी पर खोला ढाबा, पति के एक्सीडेंट ने बदल दी कांता की जिंदगी

पति-पत्नी एक गाड़ी के दो पहिए होते हैं। अगर एक पहिया भी निकल जाए तो गाड़ी रूक जाती है, खासकर भारतीय महिलाओं की जिंदगी तब मुश्किल हो जाती है जब उसके पति की मौत हो जाए, वो साथ छोड़ दें या वो लाचार हो जाए। ऐसा इसलिए क्योंकि ज्यादातर औरतें अपने पति पर निर्भर होती है। मगर, दुनिया में ऐसी कई औरतें भी हैं, जिन्होंने साबित कर दिया हौंसलें से कुछ भी किया जा सकता है। हम बात कर रहे हैं जालंधर की रहने वाली कांता चौहान की। 

एक्सीडेंट ने बदल दी कांता की जिंदगी

मौहाली की रहने वाली कांता शादी के बाद जालंधर आई। एक दिन पति के एक्सीडेंट ने उनकी पूरी जिंदगी बदल दी। सारी जमा पूंजी उन्होंने पति के इलाज में लगा दी। हालात यहां तक हो गए थे कि उनके घर कुछ खाने को भी नहीं था। ऐसे में कांता ने रोजगार ढूंढने का फैसला किया। उनके दो बच्चें हैं। किचन में राशन नहीं होता था और ऊपर से पति की दवाइयों का खर्चा। एक्सीडेंट के कारण उनके पति काम भी नहीं कर सकते थे। ऐसे में यह सब कुछ संभालना 12वीं पास कांता के लिए किसी पहाड़ चढ़ने से कम नहीं था। मगर, उन्होंने हार नहीं मानी।

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जालंधर की पहली कैब ड्राइवर

कांता को उनके पति ने एक निजी कंपनी में कैब (स्कूटर) ड्राइवर बनने की सलाह दी। इसके बाद कांता ने कैब चलाना शुरू किया। बता दें कि कांता जालंधर की पहली महिला कैब (स्कूटर) चालक भी हैं। मगर, लॉकडाउन के कारण उनका काम बंद हो गया।

लॉकडाउन के बाद शुरू किया परांठा जंक्शन

जब उनका काम थप हो गया तो कांता ने घर का खर्च चलाने के लिए  परांठा जंक्शन की शुरूआत की। उन्होंने जालंधर बस स्टैंड के पास फ्लाईओवर के नीचे रेहड़ी पर परांठे बनाने व बेचने शुरू किए। यहां तक कि उन्होंने लॉकडाउन में लोगों की मदद भी और बिना पैसे उन्हें फ्री में खाना भी पहुंचाया।

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पहले लेती थी सिर्फ महिला सवारी

कांता बताती हैं कि शुरुआत में वह सिर्फ महिलाओं को ही अपनी कैब में बैठाती थी लेकिन फिर धीरे-धीरे उन्होंने सभी सवारियों को कैब में बिठाना शुरु किया।

महिला को भी दिया रोजगार

यही नहीं, जब कांता का काम चलने लगा तो उन्होंने एक महिला को बतौर मददगार अपने साथ रख लिया। उनका कहना है कि एक महिला ही महिला के काम को अच्छी तरह समझ सकती है। वहीं, रोजगार के लिए महिलाओं को भी मौका मिलना चाहिए।

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कांता आज हर उस महिला के लिए मिसाल है जो जिंदगी की मुश्किलों से हार मान लेती है। अब कांता को गली मोहल्ले में लोग ना सिर्फ जानते हैं बल्कि उनकी मिसाल भी देते हैं।

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