किडनी शरीर का सबसे जरूरी अंग है जो गंदगी को फिल्टर करने का काम करता है। मगर, रोजमर्रा की कुछ आदतें इसे डैमेज कर सकती हैं। वहीं, अगर शरीर में क्रिएटिनिन लेवल बढ़ जाए तो किडनी डैमेज भी हो सकती है। हालांकि ज्यादातर लोगों को तो इस बात की भी जानकारी नहीं होती है कि क्रिएटिनिन क्या है और यह किडनी को कैसे नुकसान पहुंचा सकता है। चलिए आज हम आपको अपने इस पैकेज में इसी के बारे में बताते हैं...
क्या होता है क्रिएटिनिन?
डॉक्टर्स के मुताबिक, किडनी शरीर में जमा गंदगी को पेशाब के जरिए बाहर निकालने यानि फिल्टर करने का काम करती है। क्रिएटिनिन भी एक प्रकार का अपशिष्ट है, जो कई बार इस फिल्टर प्रक्रिया के जरिए बाहर नहीं निकल पाता और शरीर में बढ़ता रहता है। अगर सही समय पर इसपर ध्यान ना दिया गया तो किडनी को नुकसान पहुंचा सकता है।
किन लोगों को होती है अधिक समस्या?
उम्र, वजन और जीवनशैली के अधार पर हर किसी के शरीर में क्रिएटिनिन का स्तर अलग-अलग हो सकता है। एक्सपर्ट के मुताबिक, अधिक मात्रा में प्रोटीन लेने वाले और हाई बीपी के मरीजों में इसकी मात्रा बढ़ सकती है। इसके अलावा UTI यानि यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन की वजह से भी बॉडी में इसकी मात्रा बढ़ सकती है।
कितना होना चाहिए क्रिएटिनिन लेवल?
एक्सपर्ट के मुताबिक, पुरुषों में क्रिएटिनिन लेवल 60-110 माइक्रोमोल प्रति लीटर, 0.7-1.2 मिलीग्राम प्रति डेसीलीटर और 45-90 एमसीमोल/लीटर और महिलाओं में 0.5-1.0 मिलीग्राम / डीएल होना चाहिए। अगर क्रिएटिनिन इन स्तरों से ऊपर है तो डॉक्टर इसे उच्च मान सकते हैं।
कैसे करें पहचान?
पेशाब कम आना शरीर में क्रिएटिनिन लेवल बढ़ते का संकेत हो सकता है इसलिए नजरअंदाज ना करें। इसके अलावा शुरुआती लक्षणों में...
. सांस लेने में तकलीफ
. बार-बार पेशाब आना
. बेचैनी महसूस होना
. उल्टी होना व जी मचलाना जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं।
इन बातों का रखें ध्यान
1. सबसे पहले तो बॉडी को हाइड्रेटेड रखें और दिन में कम से कम 8 गिलास पानी पिएं। इससे किडनी ठीक से काम करेगी और इससे संबंधित रोग होने की संभावना भी कम होगी।
2. खाने में सोडियम और नमक का सेवन कम करें।
3. अगर आप बहुत ज्यादा एक्सरसाइज करते हैं तो इसे कम कर दें।
4. डॉक्टर की सलाह लिए बिना -पेनकिलर ना लें क्योंकि इससे भी किडनी पर बुरा प्रभाव पड़ता है।
5. पेसान को रोके नहीं क्योंकि इससे भी आपकी समस्या बढ़ सकती है।
6. डाइट में पोटेशियम से भरपूर फूड्स जैसे टमाटर, आलू, शकरकंद आदि लें।