कहते हैं कि घरवाले जब रिश्ता देखते हैं तो सब जांच पड़ताल करते हुए ही बात आगे बढ़ाते हैं। मगर कई बार माता- पिता भी घर की बस चौंक-चौंध देखकर धोखा खा जाते हैं और अपनी बेटी को ऐसे घर भेज देते हैं कि उसकी जिदंगी खराब हो जाती है। चंडीगढ़ में रह रही निशा के घरवालों ने जब शादी के लिए एक लड़का मुकेश पसंद किया तो वो एक नजर में निशा को भी भा गया। निशा को तो लगा की उसके सारे सपने पूरे हो गए। लड़के का नाम राहुल था और वो एक इंजीनियर था और बेहद ही सरल स्वाभव का था। खैर फोन पर बात-चीत का सिलसिला शुरू हुआ और देखते ही देखते शादी का भी दिन आ गया। लाल लहंगे में सजी-धजी निशा ने खूब फोटोज करवाई।
उसे लगा बस ये राहुल ही तो था, जिसका उसे इंतजार था। शादी के बाद कुछ दिन तो अच्छे बीते, लेकिन राहुल ना हनीमुन पर और ना ही घर पर निशा से ज्यादा बात करता। वो हमेशा थोड़ा अलग-अलग रहता। निशा को लगा की शायद उससे कोई गलती हो गई है, उसने इसके बारे में मुकेश से बात करनी भी कोशिश की। लेकिन मुकेश का तो ज्यादातर समय या तो फोन पर निकलता या ऑफिस में।
पति के घर आने पर वो उनके साथ क्वालिटी टाइम स्पेंड करने की कोशिश करती पर उसके हाथ निराशा ही लगती क्योंकि पतिदेव तो आते ही खाना खाकर सोने की करते। घुमने- फिरने के नाम पर वो निशा को हफ्ते में एक बार कहीं खिलाने- पीलने या मूवी दिखाने ले जाते। वही 3-4 घंटे निशा के लिए बड़े मजेदार होते, लेकिन फोटो क्लिक कराने की बात पर मुकेश चिढ़ जाता, वजह पूछने पर कहते उसे अब ये सब पसंद नहीं है, बहुत कर लिया पहले उसने से सब।
अब ये तो ऐसी समस्या थी जिसके बारे में वो किसे से बात भी नहीं कर सकती थी। बस ये ही उम्मीद कर सकती थी कि एक दिन वो खुद उनके करीब आएंगे और उसके साथ वक्त बिताएंगे। लेकिन जैसे- जैसे वक्त बिता मुकेश की ये आदात तो नहीं बदली, निशा में इसके चलते चिड़ाचिड़ापन बढ़ गया। उसे लगता वो सिर्फ खाना बनाने और सास ही सेवा करने के लिए है क्योंकि पति तो उससे ज्यादा फोन पर वक्त बिताता है। वो खुद को अपने ससुराल में बहुत अकेले महसूस करने लगी। आखिरकार एक बार चिढ़कर अपने पति से पूछ ही लिया कि 'वो फोटो क्लिक क्यों नहीं करवाते और उससे इतना दूर क्यों रहते हैं। अगर शादी नहीं करनी थी, मैं पसंद नहीं थी तो बता देते, मेरी जिंदगी बरबाद क्यों की? मुझे सिर्फ घर का काम करवाने के लिए लाए थे क्या?' बस मुकेश को इतनी बातें सुनकर गुस्सा आ गया और उसने बता दिया, 'हां मैं पहले किसी और से प्यार करता था, लेकिन उसके घरवाले नहीं माने। वो तुम से तो बहुत अच्छी थी और मेरा बहुत ख्याल रखती थी'।
इतना सुनना था कि निशा टूट गई। उस दिनों दोनों में बहुत झगड़ा हुआ और नाराज होकर निशा से खाना नहीं खाया। उसे लग रहा था उसके शादी के सारे शौक कहीं छूट से गए। सब कुछ खत्म हो गया और वो एक ऐसे आदमी से शादी कर बैठी जो उससे प्यार ही नहीं करता। इस वाक्य ने निशा को कई दिनों तक निराश रखा। बहुत हिम्मत करके उसने ये बात अपनी सास और ननद को बताई, तो उन्होंने बस तसल्ली देते हुए कहा कि शादी में ऐसा ही होता है, लेकिन मुकेश से किसी ने बात नहीं की। अपने घरवालों को ये सब बातें बताकर दुखी नहीं करना चाहती और ना ही अलग होना चाहती थी क्योंकि वो एक मीडिल क्लास फैमिली से थी और घरवालों के जितनी पुंची थी सब लगाकर निशा की शादी करवा दी थी। आखिरकार निशा से वही किया जो भारत की ज्यादातर शादीशुदा महिलाएं कर रही हैं। उसने हालतों को स्वीकार कर लिया है और बिना प्यार वाली शादी को चुपचाप निभाई जा रही है।
नोट- ये एक काल्पनिक कहानी है। इसका वास्तविक से कोई लेना देना नहीं है।