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वर्क प्रेशर और इमोशनल प्रेशर बन रहे मानसिक समस्याओं का बड़ा कारण

  • Edited By Priya Yadav,
  • Updated: 26 Sep, 2024 12:23 PM
वर्क प्रेशर और इमोशनल प्रेशर बन रहे मानसिक समस्याओं का बड़ा कारण

नारी डेस्क: आज कल की भागदौड़ भरी जिंदगी का असर बच्चों से लेकर बड़ो में आम देखने को मिलता है। चाहे वो वर्क प्रेशर, सोशल प्रेशर या फिर इमोशनल प्रेशर हो, आमतोर पर इंसान तनाव भरी ज़िन्दगी में धस्ता ही जा रहा है। हम अक्सर शारीरिक समस्याओं पर ध्यान देते हैं पर मानसिक समस्याओं पर ध्यान नहीं देते, जो कि बहुत ही गलत बात है। हमें अपनी मेंटल हेल्थ पर भी उतना ही ध्यान देना चाहिए जितना हम अपनी शारीरिक समस्या पर देते हैं। अगर हमारी मेंटल हेल्थ ठीक नहीं रहेगी तो हम किसी भी कार्य में मन नहीं लगा सकते। शुरूआती दौर में व्यक्ति अपनी मानसिक समस्या को नज़रअंदाज़ करता रहता है पर आगे जाकर यही चीज़ उसकी जान भी ले सकती है। डिप्रेशन तो सबसे बड़ा और गंभीर मानसिक रोग है। चलिए मेंटल हेल्थ से जुड़ी कुछ खास जानकारी आपके साथ साझा करते हैं।

मानसिक रोग के लक्षण

किसी भी काम में मन न लगना

मेंटल हेल्थ ठीक न होने का सबसे पहला लक्षण है किसी भी काम में मन न लगना। व्यक्ति हमेशा बेचैन और सहमा रहता है। कम बोलता है और लोगों से बातचीत भी कम ही करता है जैसे उसका किसी भी चीज़ में इंटरेस्ट नहीं है। छोटी-छोटी बातों पर चिड़चिड़ा होना और कोई भी बात पर रो पड़ना। यह सभी शुरुआती लक्षण होते है मानसिक रोगी के।

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सिर, कमर और शरीर में लगातार दर्द

मानसिक स्थिति ठीक न होने से थकान महसूस होती है जिससे लगातार पूरे शरीर में दर्द रहती है, जिसे आमतौर पर लोग नज़रअंदाज़ कर देते हैं पर शरीर में दर्द आगे जाकर गंभीर समस्या पैदा कर सकती हैं।आज के दौर में सभी कोई न कोई परेशानी से जूझ रहे है, जिससे उनका मानसिक स्वास्थ्य बिगड़ता जा रहा है।  पर्याप्त नींद न लेने से भी शरीर में दर्द होती है।

खानपान की आदतों में बदलाव

मानसिक रोगी या तो बहुत ज़्यादा खाता है या तो बहुत ही कम। रोगी को अपने खानपान तक का एहसास नहीं होता है। जिससे उसके शरीर पर बहुत बुरा असर पड़ता है जैसे कि कमज़ोरी होना या मोटापा होना। मानसिक स्थिति इस बात को भी प्रभावित करती है कि आप तनाव से कैसे निपटते हैं।। यह सभी लक्षण गंभीर समस्या के ही होते हैं।

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मूड में बदलाव और उदास रहना

मानसिक रोगी का मूड बदलता ही रहता है, वे कभी-कभी अचानक किसी भी बात पर खुश हो जाता है और कभी-कभी बिना बात के रोने लगता है। उदास तो वो हमेशा ही रहता है, नकारात्मक सोच बन जाती है मानसिक रोगी की।

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शराब या ड्रग्स का सेवन

मानसिक रोगी शराब या ड्रग्स का सेवन करना शुरू कर देता है। वह तनाव (स्ट्रेस) में रहता है फिर वो शराब या ड्रग्स का सहारा लेना शुरू कर देता है। ऐसे में शराब का पीना या ड्रग्स का सेवन करना सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है।  अन्य लक्षण हैं  रोज़मर्रा की समस्याओं या तनाव से निपटने में असमर्थता, घबराहट, कार्य में गिरावट आना, व्यक्तिगत देखभाल में गिरावट।

उपचार कैसे करें

यदि आपको उपर लिखे लक्षणों में से कुछ भी अनुभव कर रहे है तो आप तुरंत डॉक्टर से चेकअप कराएं और सबसे पहले अपने प्रियजनों से बात करें। अकेले में न बैठे, अपने दोस्तों और परिवार के साथ बैठे। अपने मन को सकारात्मक बनाएं। मानसिक बीमारियां कुछ समय के लिए होती हैं या बार-बार आती जाती रहती हैं पर कुछ मानसिक बीमारियां तो काफी लंबे समय तक चलती रहती हैं और कुछ तो गंभीर मानसिक बीमारियां उम्र भर रहती हैं। मेंटल हेल्थ खराब होना बाकी समस्याओं की तरह चिकित्सा समस्या ही है।



 

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