खान-पान की गलत आदतों के कारण इन दिनों गुर्दे में पथरी की समस्या आम बात हो गई है। जहां पहले यह समस्या बढ़ती उम्र के साथ लोगों में देखी जाती थी वहीं आज छोटी उम्र में ही यह समस्या लोगों को घेर रही हैं। छोटी पथरी तो पेशाब के जरिए निकल सकती है लेकिन बड़ी पथरी निकलने में मुश्किल होती है। पथरी का साइज बड़ा होने के कारण बहुत तेज गंभीर दर्द भी होता है। ऐसे में इसे निकालने के लिए दवाईयों की जरुरत ही पड़ती है। आज आपको इस आर्टिकल के जरिए कुछ ऐसी चीजें बताते हैं जिनका सेवन करने से पथरी नैचुरली तरीके से बाहर निकल सकती हैं। आइए जानते हैं कैसे।
ज्यादा पानी पिएं
पर्याप्त मात्रा में पानी पीने से शरीर में हाइड्रेशन का स्तर बनाए रखने में मदद मिलती है। पानी गुर्दे में मौजूद विटामिन्स और मिनरल्स को तोड़ने में मदद करता है और यह अवशोषण की प्रक्रिया भी तेज करता है। भरपूर मात्रा में पानी पीने से शरीर में मौजूद विषाक्त पदार्थ बाहर निकलते हैं जिससे किडनी स्वस्थ रहती है। जिन लोगों को गुर्दे में पथरी हो उन्हें दिन में 7-8 गिलास पानी पीने के लिए किहा जाता है।
सेब का सिरका
इसमें साइट्रिक एसिड पाया जाता है जो किडनी स्टोन्स को छोटे-छोटे कणों में तोड़ने और घुलने में मदद करता है। इसका सेवन करने से मूत्रमार्ग के जरिए गुर्दे की पथरी हटाने में मदद मिलती है। यह शरीर के विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने और उन्हें साफ करने में भी मदद करता है। 2 चम्मच सेब का सिरका रोज गर्म पानी के साथ पीने से किडनी स्टोन्स बाहर निकलने लगेंगे।
अनार का जूस
शोध के मुताबिक, अनार भी कई सारे पोषक तत्वों का भंडार माना जाता है। इसका जूस पीने से शरीर को हाइड्रेट रखने में मदद मिलती है। गुर्दे की पथरी को नैचुरल तरीके से बाहर निकालने के लिए आप इसका सेवन कर सकते हैं। इसमें कुछ एंटीऑक्सीडेंट्स भी पाए जाते हैं जो इम्यूनिटी पॉवर बढ़ाने में मदद करते हैं।
नींबू पानी
ताजे नींबू के रस को गुनगुने पानी के साथ पीने से शरीर में मौजूद टॉक्सिन्स बाहर निकलते हैं। यह किडनी स्टोन्स को भी तोड़ने में मदद करता है। रोजाना नियमित तौर पर नींबू पानी पीने से शरीर में पानी की कमी नहीं होती और किडनी स्टोन्स निकालने में भी मदद मिलती है।
दूध
इसमें कैल्शियम की काफी अच्छी मात्रा पाई जाती है ऐसे में दूध का सेवन करने से भी किडनी स्टोन्स से छुटकारा मिलता है। कैल्शियम हड्डियों को मजबूत बनाता है इसके साथ ही यह शरीर में ऑक्सलेट के अवशोषण को कम करने में भी मदद करता है। दूध का सेवन करने से किडनी में स्टोन्स नहीं बनते।