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National Girl Child Day: श्रीमति इंदिरा गांधी से जुड़ा है राष्ट्रीय बालिका दिवस का इतिहास

  • Edited By palak,
  • Updated: 24 Jan, 2024 11:45 AM
National Girl Child Day: श्रीमति इंदिरा गांधी से जुड़ा है राष्ट्रीय बालिका दिवस का इतिहास

जमाना भले ही बदल गया है लेकिन आज भी कई ऐसी जगहें हैं जहां पर लड़कियों को उनके अधिकारों से वंचित रखा जाता है। समाज में ऐसे लोगों की सोच सुधारने और बेटियों को उनके सम्मान और अधिकारों के प्रति जागरुक करने के लिए हर साल 24 जनवरी को राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाया जाता है। इस दिन का इतिहास भारत के पहली महिला प्रधानमंत्री श्रीमति इंदिरा गांधी से जुड़ा है। तो चलिए आज आपको बताते हैं इस दिन के बारे में...

24 जनवरी 1966 को ली थी इंदिरा गांधी ने शपथ

भारत में राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाने की शुरुआत श्रीमति इंदिरा गांधी ने की थी। इंदिरा गांधी ने प्रधानमंत्री के तौर पर 24 जनवरी 1966 को शपथ ली थी और महिला सशक्तिकरण का एक बड़ा उदाहरण लोगों के सामने पेश किया था। तब देश में ऐसा पहली बार हुआ ता जब कोई महिला प्रधानमंत्री बनी थी। इसलिए राष्ट्रीय बालिका दिवस के तौर पर 24 जनवरी के दिन को चुना गया था और साल 2008 में महिला कल्याण एवं विकास मंत्रालय की ओर से 24 जनवरी को भारत में राष्ट्रीय बालिका दिवस के तौर पर मनाने की शुरुआत हुई। तभी से ये दिन हर साल 24 जनवरी को मनाया जाता है।

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बेटियों को लेकर भेदभाव दूर करना है इस दिन का मकसद 

राष्ट्रीय बालिका दिवस का मुख्य मकसद समाज में बेटियों को लेकर हो रहे भेदभाव को दूर करना और उन्हें बराबरी का दर्जा दिलवाना है। ये दिन बेटियों को उनकी शक्ति, सामर्थ्य के साथ उनके अधिकारों के प्रति जागरुक करने का भी दिन है। बेटियों को शारीरिक, मानसिक और आर्थिक तौर पर सशक्त बनाने के लिए भारतीय सरकार भी कई प्रयास कर रही है। बेटी पढ़ाओ, बेटी बचाओ, सुकन्या समृद्धि योजना, महिला सम्मान बचत पत्र जैसी कई सारी योजनाएं भी चलाई जा रही हैं। इसके अलावा तमाम राज्यों में भी बेटियों के लिए कई तरह की स्कीम्स चलाई जा रही हैं।  

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आपको बता दें कि भारत में राष्ट्रीय बालिका दिवस 24 जनवरी और 11 अक्टूबर को अंतराष्ट्रीय बालिका दिवस के रुप में मनाया जाता है। 

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