अपना वजन कम करने के लिये खेलना शुरू करने वाले नीरज चोपड़ा का हरियाणा के एक गांव से भारत के महानतम खिलाड़ियों में नाम दर्ज कराने तक का सफर इतना गौरवमयी रहा है कि हर कदम पर एक नयी विजयगाथा वह लिखते चले जा रहे हैं । ओलंपिक चैम्पियन ने फिर इतिहास रच दिया और विश्व एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने वाले पहले भारतीय बन गए जिन्होंने पुरूषों की भालाफेंक स्पर्धा में 88 . 17 मीटर के थ्रो के साथ यह उपलब्धि हासिल की ।
दो साल पहले नीरज ने रचा था इतिहास
दो साल पहले तोक्यो में उन्होंने ओलंपिक ट्रैक और फील्ड स्पर्धा में भारत की झोली में पहला पीला तमगा डाला । उस समय उनकी उम्र सिर्फ 23 साल थी और महान निशानेबाज अभिनव बिंद्रा के बाद ओलंपिक की व्यक्तिगत स्पर्धा में स्वर्ण जीतने वाले वह दूसरे भारतीय बने । खेलों के महासमर में एथलेटिक्स में लंबे समय से पदक का सपना संजोये बैठे भारत को रातोंरात मानों एक चमकता हुआ सितारा मिल गया । अब रविवार को बुडापेस्ट में विश्व चैम्पियनशिप में स्वर्ण जीतकर चोपड़ा ने भारतीयों को गौरवान्वित होने का एक और मौका दिया है ।
बीता सप्ताह भारत के लिए रहा ऐतिहासिक
ओलंपिक भारत के किशोर जेना पांचवें स्थान पर रहे जिन्होंने अपना व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए 84 . 77 मीटर का सर्वश्रेष्ठ थ्रो फेंका । वहीं डी पी मनु छठे स्थान पर रहे जिनका सर्वश्रेष्ठ थ्रो 84 . 14 मीटर का था । विश्व चैम्पियनशिप में यह पहली बार हुआ है कि शीर्ष आठ में तीन भारतीय रहे हों । 25 वर्ष के चोपड़ा ने पहला प्रयास फाउल रहने के बाद दूसरे में आज का सर्वश्रेष्ठ थ्रो फेंका । चंद्रयान 3 की कामयाबी , फिडे शतरंज विश्व कप में उपविजेता रहे आर प्रज्ञानानंदा की सफलता के बाद चोपड़ा के विश्व चैम्पियन बनने के साथ भारत के लिये बीता सप्ताह ऐतिहासिक रहा ।
चोपड़ा को पूरे देश से मिला बेहद प्यार
एक ही समय में ओलंपिक और विश्व खिताब जीतने वाले चोपड़ा अब बिंद्रा के बाद दूसरे भारतीय खिलाड़ी बन गए । विश्व जूनियर चैम्पियनशिप 2016 जीतकर पहली बार विश्व स्तर पर चमके चोपड़ा ने तोक्यो में स्वर्ण जीतकर भारतीय खेलों के इतिहास में नाम दर्ज करा लिया था । पूरे देश ने जिस तरह उन पर स्नेह बरसाया, वह अभूतपूर्व था । ऐसा तो अब तक क्रिकेटरों के लिये ही देखने को मिला था । तोक्यो के बाद उन्हें अनगिनत सम्मान समारोहों में भाग लेना पड़ा जिससे उनका वजन बढ गया और वह इतने आयोजनों के कारण अभ्यास नहीं कर सके । लेकिन फिर उन्होंने इसे नहीं दोहराने का प्रण लिया । तोक्यो ओलंपिक के बाद चोपड़ा आनलाइन सबसे ज्यादा सर्च किये जाने वाली भारतीय हस्ती बने । विराट कोहली और रोहित शर्मा से भी ऊपर ।
नीरज के नाम से छपे हैं 812 लेख
प्रायोजकों की मानों उनके दरवाजे पर कतार लग गई । ट्विटर और इंस्टाग्राम पर उनके फालोअर बढते चले गए । पिछले साल दिसंबर में वह फर्राटा धावक उसेन बोल्ट को पछाड़कर दुनिया के ऐसे एथलीट बन गए जिनके बारे में सबसे ज्यादा लिखा गया है । उनके नाम से 812 लेख छपे हैं । तोक्यो ओलंपिक के बाद से प्रदर्शन में निरंतरता उनकी सफलता की कुंजी रही है । पिछले दो साल में हर टूर्नामेंट में उन्होंने 86 मीटर से ऊपर का थ्रो फेंका है । पिछले साल जून में स्टॉकहोम डायमंड लीग में उन्होंने 89 . 94 मीटर का थ्रो फेंककर दूसरा स्थान हासिल किया था ।
अपनी विनम्रता से मन मोह लेते हैं चोपड़ा
चोपड़ा भले ही बिंद्रा की तरह वाकपटु नहीं हो लेकिन अपनी विनम्रता से हर किसी का मन मोह लेते हैं । भारत में और विदेश में भी सेल्फी या आटोग्राफ मांगने वालों को निराश नहीं करते । वह दिल से बोलते हैं और अपने हिन्दी भाषी होने में उन्हें कोई हिचक नहीं होती । बचपन में बेहद शरारती चोपड़ा संयुक्त परिवार में पले और लाड़ प्यार में वजन बढ गया । परिवार के जोर देने पर वजन कम करने के लिये उन्होंने खेलना शुरू किया । उनके चाचा उन्हें पानीपत के शिवाजी स्टेडियम ले जाते । उन्हें दौड़ने में मजा नहीं आता लेकिन भाला फेंक से उन्हें प्यार हो गया । उन्होंने इसमें हाथ आजमाने की सोची और बाकी इतिहास है जिसे शायद स्कूल की किताबों में बच्चे भविष्य में पढेंगे ।