नारी डेस्क: चिंतामन गणेश मंदिर उज्जैन, मध्य प्रदेश में स्थित एक प्राचीन और प्रसिद्ध मंदिर है। यह मंदिर भगवान गणेश को समर्पित है और उनकी चिंतामन स्वरूप की पूजा यहां की जाती है। इस मंदिर का धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व बहुत अधिक है, और यह भक्तों के बीच अपनी चमत्कारी शक्ति और मान्यताओं के लिए प्रसिद्ध है। यह भी मान्यता है कि यहां उल्टा स्वास्तिक बनाने पर हर काम सिद्ध होता है।
मंदिर की खासियत
यह मंदिर उज्जैन के सबसे पुराने मंदिरों में से एक है। भगवान चिंतामण गणेशजी की स्थापना स्वंय भगवान श्रीराम ने वनवास के दौरान की थी । भगवान गणेश के इस मंदिर में उनकी चिंतामन रूप में पूजा की जाती है। चिंतामन गणेश को सभी चिंताओं को हरने वाले देवता के रूप में माना जाता है। भक्तगण यहां अपनी सभी समस्याओं और चिंताओं को लेकर आते हैं और भगवान से उनका समाधान प्राप्त करने की कामना करते हैं।
स्वयंभू प्रतिमा
मंदिर में स्थापित गणेश जी की मूर्ति स्वयंभू (स्वतः प्रकट) मानी जाती है, जो कि एक विशेष धार्मिक महत्व रखती है। इसे किसी मानव द्वारा नहीं बल्कि प्राकृतिक रूप से उकेरी गई माना जाता है। मंदिर की वास्तुकला भी अद्वितीय है। इसमें प्राचीन हिंदू मंदिरों की विशिष्ट शैली को देखा जा सकता है। मंदिर के गर्भगृह में गणेश जी की मूर्ति स्थापित है, और यहां का माहौल भक्तिपूर्ण और शांति से भरा होता है। मंदिर परिसर में एक पवित्र जल स्रोत भी है, जिसका जल पवित्र माना जाता है।
मंदिर की कहानी
माना जाता है कि चिंतामन गणेश की मूर्ति की उत्पत्ति एक राजा की कथा से जुड़ी है, जो अत्यधिक चिंता में थे और उन्हें भगवान गणेश की आराधना का निर्देश दिया गया था। राजा ने इस स्थान पर भगवान गणेश की पूजा की, जिसके परिणामस्वरूप उनकी सारी चिंताएं दूर हो गईं। तभी से भगवान गणेश को "चिंतामन" के रूप में पूजा जाने लगा। यह भी कहा जाता है कि यहां पर स्थापित गणेश प्रतिमा इतनी शक्तिशाली है कि जो कोई भी सच्चे मन से अपनी चिंताओं और समस्याओं को लेकर यहाँ आता है, उसकी सभी चिंताएं भगवान गणेश दूर कर देते हैं।
अन्य जानकारी
मंदिर में विशेष रूप से बुधवार और गणेश चतुर्थी के दिन भक्तों की भारी भीड़ होती है। मंदिर के पास स्थित शिप्रा नदी और अन्य प्राचीन मंदिर इस स्थान की धार्मिकता को और भी बढ़ाते हैं। यह मंदिर ना केवल एक धार्मिक स्थल है, बल्कि यह एक ऐसी जगह है जहां भक्त अपनी सभी समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए भगवान गणेश की शरण में आते हैं। यह मंदिर उज्जैन की धार्मिक परंपरा और इतिहास में महत्वपूर्ण स्थान रखता है।