पीसीओडी और पीसीओएस आज महिलाओं की जिंदगी में सबसे बड़ा रोग बना हुआ है। इस वजह से ना तो पीरियड्स सही से आते हैं ना ही प्रैग्नेंसी कंसीव हो पाती है। आज 5 में से 2 महिलाएं इस रोग से जूझ रही है हालांकि हर महिला में इसके लक्षण अलग अलग दिखते हैं जैसेः
. किसी के चेहरे और शरीर पर अधिक बाल आने लगते हैं किसी के बाल ज्यादा झड़ने लगते हैं।
. शरीर में सुस्ती महसूस होती है। पिंपल्स होने लगते हैं और स्वभाव में चि़ड़चिड़ापन आने लगता है।
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. समय पर पीरियड्स नहीं आते हैं दर्द रहता है और ना के बराबर ब्लीडिंग होती है।
. कुछ महिलाओं का वजन कम होने लगता है तो कुछ का बहुत ज्यादा बढ़ जाता है।
पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम है क्या?
इस रोग में अंडाशय में छोटे-छोटे सिस्ट हो जाते हैं। ये ज्यादा हानिकारक तो नहीं होते लेकिन महिला के शरीर में ये हार्मोंनल गड़बड़ी कर देते हैं जिससे महिलाओं को कई तरह की हैल्थ प्रॉब्लम्स होने लगती है।
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आर्युेवद में इसका पक्का इलाज!
बहुत सी महिलाओं का कहना है कि जब तक वह दवा खाती हैं उन्हें रोग से छुटकारा मिल जाता है लेकिन दवा छोड़ने के बाद रोग फिर से उभर आता है। ऐसा इसलिए क्योंकि यह रोग लाइफस्टाइल से जुड़ा है इसलिए आपका खान-पान और जीवनशैली में संतुलन होना जरूरी है इसकी मदद से ही आप रोग को हमेशा के लिए जड़ से खत्म कर सकते हैं।
जैसे आर्युवेद के अनुसार अपने आहार में कुछ विशेष सामग्री को शामिल करें।
करेले का जूस, करेले की सब्जी खाएं।
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आंवला खाएं। आंवले का जूस, मुरब्बा और आचार के रूप में इसका सेवन कर सकते हैं। यह ब्लड शुगर को कंट्रोल में रखता हैं।
मेथी के पत्ते और तुलसी भी इंसुलिन के स्तर को कंट्रोल करने में मदद करते हैं। दरअसल, पीसीओएस रोगियों में इंसुलिन का उच्च स्तर होता है।
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मीठे की क्रेविंग होती है तो एक बड़ा शहद का चम्मच नींबू पानी में डालकर पीएं इससे क्रेविंग भी कम होगी औऱ वजन पर भी कंट्रोल होगा।
लाइफस्टाइल में ये बदलाव करने भी जरूरी
स्वस्थ और समय पर लिया गया संतुलित भोजन, इस रोग को जड़ से खत्म करने का पहला सबसे कारगर उपाय है। सुबह का नाश्ता स्किप ना करें और समय पर करें।
सैर औऱ योग जरूर करें। जिम जाएं लेकिन पहले हल्की एक्सरसाइज से शुरुआत करें। धीरे-धीरे वर्कआउट को बढ़ाएं। खासकर पेट के निचले हिस्से की एक्सरसाइज पर ध्यान दें ताकि बैली फैट कम हो।
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पीसीओडी और पीसीओएस के रोगी महिलाओं में एक समस्या ये होती है कि उनका वजन जल्दी कम नहीं हो पाता। हालांकि इस पर दुखी ना हो एक समय बाद आपको इसके संकेत भी दिखने शुरू हो जाएंगे।
हैल्दी खाएं। अंकुरित अनाज, ब्राउन राइस, फल-सब्जियां लें।
मीठा, तला हुआ, हाई कैलोरी और जंक फूड खाने से बचें। अगर मीठा खाने का मन हो तो सेब खाएं।
दूध से बची चीजों का सेवन कम से कम करें।
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ओवुलेशन को ठीक करें?
पीसीओएस आपके ओवुलेशन चक्र को ही प्रभावित करता है जिससे पीरियड्स और प्रेंगनेंसी दोनों में मुश्किल खड़ी करता है। एक स्थिर ओवुलेशन ही इस रोग को कंट्रोल में रखेगा। आर्टिफिशल शुगर फूड्स ना खाएं। अगर आप पीरियड्स को टालने के लिए गोलियों या फिर गर्भ-निरोधक गोलियों का सेवन करती हैं तो इनका बिलकुल सेवन ना करें।
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इस बात का ध्यान रखें कि यह रोग आपके लाइफस्टाइल से जुड़ा है इसे हैल्दी लाइफस्टाइल की मदद से ही जड़ से खत्म किया जा सकता है।