आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में हर किसी की लाइफ बेहद तनाव यानि कि स्ट्रेस भरी हो गई हैं। कोरोना काल में बेरोजगारी आने की वजह से यह तनाव लोगों में और बढ़ गया है। जिसका असर हमारे शरीर पर अधिक पड़ता है। तनाव का असर न केवल सेहत पर बल्कि हमारे बालों और स्किन पर पड़ता है।
तनाव मुक्त होने पर सफेद बाल फिर से काले हो सकते हैं-
हमने यह पहले से ही जानते हैं कि अधिक चिंता और नींद की कमी से हमारे बाल सफेद हो जाते हैं लेकिन इसे लेकर एक शोध में चौंका देने वाली बात सामने आई हैं। शोध के अमुसार, अगर हम तनाव मुक्त हो जाएं तो सफेद बाल फिर से काले हो सकते हैं।
स्टडी में पाया स्ट्रेसलेस होने पर हो जाएंगे सफेद बाल काले-
दरअसल, न्यूयॉर्क स्तिथ कोलंबिया यूनिवर्सिटी में किए गए इस स्टडी में कहा गया है कि तनाव खत्म होने पर प्रतिभागियों के बाल फिर से काले होने लगे, यह देखकर शोधकर्ता चकित रह गए। यह नतीजे हाल ही में चूहों पर हुए अध्ययन के एकदम उलट है।जिसमें पाया गया कि तनाव से बालों का सफेद होना स्थायी है।
जानिए कैसे होते हमारे काल बाल सफेद-
शोधकर्ता पिकार्ड के अनुसार, हमारे आंकड़ों से उस बात को बल मिलता है कि मानवीय बढ़ावा स्थायी जैविक क्रिया नहीं है बल्कि इसे कुछ हिस्सों में ही सही लेकिन रोका या अस्थायी तौर पर बदला भी जा सकता है, जब वह त्वचा में रोम के रूप में होते हैं, तब उन पर तनाव से शरीर में होने वाले बदलावों का असर पड़ता है। त्वचा के बाहर आकर यह सख्त हो जाते हैं।
स्कैनर से देखें तो इनके रंग में बहुत हल्का परिवर्तन नजर आता हैं। शोध में इसी परिवर्तन की जांच की गई है। वैज्ञानिकों ने पाया कि तनाव होने पर इंसान की कोशिकाओं के पावरहाउस कहे जाने वाले माइटोकोंड्रिया में बदलाव हो जाता है। जिससे बालों में पाए जाने वाले सैकड़ों प्रोटीन बदल जाते हैं और काले बालों का रंग सफेद हो जाता है।
14 वॉलंटियरों पर की गई स्टडी में देखा गया यह हैरान कर देने वाला बदलाव-
पिकार्ड के मुताबिक, 14 वॉलंटियरों के तनाव के आधार पर परिणामों की तुलना की गई और देखा गया कि छुट्टियों पर रहने के दौरान एक वॉलंटियर के पांच बाल दोबारा काले हो गए। यानि कि रंग बदला तो बालों के 300 प्रोटीन में परिवर्तन भी आया। इस रिसर्च के मुताबिक, एक खास प्रोटीन जिसे CDK कहते हैं, सेल को डैमेज करने लगता है, यह प्रोटीन तनाव की हालत में तेजी से बनता है। ऐसे में तनाव होने से काले बाल सफेद हो जाते हैं।
तनाव और चिंता होने पर यह हॉर्मोन होता है प्रभावित-
तनाव और चिंता होने पर कॉर्टिसोल नाम का हॉर्मोन काफी मात्रा में निकलने लगता है। यह उन सेल्स को बुरी तरह प्रभावित करता है, जो बालों और शरीर के रंग को सामान्य बनाए रखने में सहायक होते हैं।