सालभर में 4 बार नवरात्रि का पर्व आता है। इनमें से 2 नवरात्रि गुप्त व 2 सामन्य होते हैं। इस दौरान कुल 8 दिनों तक देवी दुर्गा की पूजा व नवमी को कन्या पूजन किया जाता है। आषाढ़ माह के गुप्त नवरात्रि आज यानि 11 जुलाई से शुरु हो चुके हैं। इस पावन पर्व का समापन 18 जुलाई होगा। यह नवरात्रि गुप्त साधनाओं के लिए उत्तम माने जाते हैं। मान्यता है कि नवमी के दिन कुछ खास उपाय करने से देवी मां की असीम कृपा मिलती है। जीवन की परेशानियों का अंत होकर आर्थिक मजबूती मिलती है। साथ ही तरक्की व सफलता के रास्ते खुलते हैं। चलिए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से...
प्रतिपदा पर बन रहा दुर्लभ संयोग
ज्योतिषशास्त्र के अनुसार, आषाढ़ मास के गुप्त नवरात्रि पर अति शुभ योग बन रहा है। नवरात्र की प्रतिपदा आद्रा नक्षत्र और सर्वाथ सिद्घ योग का दुर्लभ संयोग बना रही है। मान्यता है कि इस बार मां दुर्गा हाथी पर सवार हो कर आर ही हैं तो एक अच्छी वर्षा का संकेत दे रही है।
- कार्यों में सफलता पाने के लिए
गुप्त नवरात्रि की नवमी की शाम को गेहूं के आटे में काले तिल मिलाकर गूंथ लें। फिर इससे 11 दीपक बनाकर सरसों तेल डालकर देवी दुर्गा के मंदिर में जाकर जलाएं। फिर मां दुर्गा के सामने बैठकर सच्चे मन से दुर्गा चालीसा का पाठ करें। मान्यता है कि इससे मनोकामनाएं पूरी होती है और जीवन में तरक्की के रास्ते खुलते हैं।
- कर्ज से छुटकारा पाने के लिए
नवमी के दिन आम की समिधा यानि लकड़ी से हवन अग्नि प्रज्वलित करें। फिर उसमें गाय के घी में कमलगट्टे को डुबोएं और दुर्गासप्तशती का पाठ करते हुए आहुति दें। हवन पूर्ण होने पर 9 कन्याओं को घर पर बुलाकर उनकी पूजा करें। उन्हें मखाने की खीर का भोग लगाएं। अपने सामर्थ्य अनुसार, दक्षिणा देकर कन्याओं से आशीर्वाद लेकर उन्हें सम्मानपूर्वक विदा करें। मान्यता है कि ऐसा करने से जल्द ही कर्ज से छुटकारा मिलता है।
- आर्थिक स्थिति मजबूत करने के लिए
नवमी वाले दिन भोजपत्र पर केसर की स्याही से दुर्गा अष्टोत्तर शतनाम लिखकर मां के 108 नामों का उच्चारण करते हुए हवन में आहुति दें। उसके बाद भोजपत्र को चांदी में जड़वाकर ताबीज की तरह बनवाएं। इसे गले में धारण या चांदी की डिब्बी में रखकर धन स्थान की जगह पर रखें। मान्यता है कि इससे देवी मां की असीम कृपा होती है। जीवन में अन्न व धन की बरकर बनी रहती है।
- कारोबार व व्यापार में तरक्की पाने के लिए
गुप्त नवरात्रि की नवमी के दिन मां दुर्गा के सामने बैठकर दुर्गासप्तशती के 12वें अध्याय का 21 बार पाठ करें। उसके बाद कन्याओं को घर पर बुलाकर कंचक पूजा करके उन्हें भोजन करवाएं। इससे जीवन व कार्यक्षेत्र से जुड़ी समस्याएं परेशानियां दूर होती हैं। नौकरी व कारोबार में तरक्की मिलती है।