कश्मीर के ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी और मैदानी इलाकों में बारिश के कारण घाटी में निर्धारित समय से पहले सर्दी का मौसम शुरू हो गया है। गुलमर्ग में आज पहली बर्फबारी हुई, जिससे वहां का नजारा देखने लायक है। बर्फ की सफेद चादर से ढ़का यह इलाका स्वर्ग से कम नहीं लग रहा है।
मध्यरात्रि के दौरान गुलमर्ग, सोनमर्ग, गुरेज और करनाह समेत कश्मीर के कई इलाकों में भारी बर्फबारी हुई, जिसके बाद दो इंच से अधिक बर्फ जमा हो गई। देश में दिवाली पर आतिशबाजी के कारण फैलने वाले प्रदूषण से बचकर यहां आए पर्यटक बर्फबारी देखकर काफी खुश हैं।
एक पर्यटक ने कहा- “हम पटाखों से होने वाले प्रदूषण से बचते हुए कश्मीर में शरद ऋतु का आनंद लेने आए हैं। यह बर्फबारी देखकर हम काफी खुश हैं।” पहली बर्फबारी के बाद यहां आने को लेकर लोगों में दिलचस्पी बढ़ गई है।
रती का स्वर्ग कहे जाने वाले गुलमर्ग गुलमर्ग पर्यटकों के लिए हमेशा से खास रहा है। ज्यादातर कपल यहां हनीमून मनाने आते हैं। गुलमर्ग में घूमने और एडवेंचर के लिए स्कीइंग, कोंग डोरी गोंडाला (उड़न खटोला), टंगमर्ग, सेंट मैरी चर्च, निंगली नल्लाह और ऑटर सर्कल वाक, बाबा रेशी की दरगाह, फिशिंग पॉड, बनीबल नग, कौतर नग, और सोनमर्ग है।
यहां सर्दियों में पारा शून्य से 15 डिग्री नीचे तक चला जाता है और पूरे इलाके में सिर्फ बर्फ ही बर्फ दिखाई देती है। इस मौसम में भी यहां बड़ी संख्या में लोग बर्फबारी का आनंद लेने पहुंचते हैं। इसकी सुंदरता विदेशी सैलानियों को भी अपनी और खींच लेती है।
कहा जाता है कि पहले गुलमर्ग का असली नाम गौरीमर्ग था जो यहाँ के चरवाहों ने इसे दिया था. फिर 16वीं शताब्दी में सुल्तान युसुफ शाह ने इसका नाम गुलमर्ग रखा। गुलमर्ग सिर्फ बर्फ से ढके पहाड़ों का शहर ही नहीं बल्कि यहां विश्व का सबसे बड़ा गोल्फ कोर्स भी है और देश का प्रमुख स्की रिजॉर्ट भी यहीं पर है।