बच्चों की ग्रोथ के लिए उन्हें सभी पोषक तत्व मिलना बेहद जरूरी होता है। इससे उनका मानसिक और शारीरिक विकास बेहतर ढंग से होता है। मगर अक्सर बच्चे भोजन को खाने में बहाने बनाते है। वे भोजन को खाना पसंद नहीं करते है। उनकी इस आदत के कारण उनके अंदर पोषक तत्वों की कमी हो जाती है। उनकी इस आदत से अक्सर पेरेंट्स परेशान रहते है। उन्हें बच्चों को खाना खिलाने के लिए रोज ही बहुत जद्दोजहद करनी पड़ती है। बच्चें हमेशा बाहर की अनहैल्दी चीजें खाएंगे और हैल्दी चीजों को खाने से मना करते है। उनकी इस आदत को सुधारने के लिए पेरेंट्स को कुछ मेहनत करने की जरूरत है। तो चलिए आज हम को कुछ ऐसे टिप्स बताते है जिसे अपनाकर आप अपने बच्चों की इस आदत में सुधार ला सकते है।
रंग- बिरंगी चीजों
अक्सर बच्चे खाना न खाने के बहाने बनाते है। ऐसे में आप उसे ऐसी डिश बनाकर खिलाए जो खाने के साथ उसे देखने में भी अच्छी लगे। आप उसे रंग- बिरंगे व्यंजन जैसे कि ट्राई कलर पास्ता, सैंडविच, परांठे के साथ केचप आदि बना कर खिला सकती हैं। इसके अलावा रोटी को अलग- अलग आकार की रोटी बना सर्व करें। आप उसे दलिया में उसके फेवरेट फ्रूट्स डालकर देकर खिलाएं।
खाने की अहमियत समझाएं
बच्चों को समझाएं कि भोजन करने से ही उसकी सेहत बनेगी। उसको शक्ति मिलेगी। मगर इस चक्कर में बच्चे के सामने बहुत सारी चीजे खाने को न रखे। एक टाइप पर उसे एक चीज खाने को ही कहें। आप उसे रोटी या चावल, दाल या सब्जी में से कोई एक चीज ही परोसे। ताकि वह उसे पूरा खा सके।
सबके साथ खाना सर्व करें
परिवार के साथ बैठ कर खाना खाने से बच्चे की भूख बढ़ती है। वे सभी के साथ बैठ कर अच्छे से खाते है। अगर से खाने खिलाने पर अक्सर बच्चे इसे खाने में आना-कानी करेंगे है। इसके अलावा उनके टेस्ट के मुताबिक डिश तैयार करें। इस बात का ध्यान रखें कि उन्हें वहीं चीज सर्व करें जो आप दूसरों को दे रही हैं। एक साथ बैठकर खाने से बच्चे दूसरों की नकल करते है। साथ ही वे टेबल मैनर सीखते हुए भरपेट खाना खाते है। हो सकता है कि वह कुछ दिनों तक टेबल गंदा करे। ऐसे में उसकी गलतियों को अनदेखा कर उसे साफ-सफाई रखने के लिए उत्साहित करें।
खुद से खाने की डालें आदत
बच्चों को खाना खुद से खाना आना चाहिए। इसके लिए बच्चों को शुरू के दिनों में फल, सब्जियां, पापड़ आदि खुद से खाने को दें। उसके बाद उन्हें चम्मच से खाने वाली चीजें जैसे कि चावल, दाल, दलिया आदि परोसे। इसतरह धीरे-धीरे उन्हें खुद ही खाना खाने की आदत पड़ जाएंगी।
सभी चीजें खिलाएं
बच्चों के लिए सब कुछ जरूरी होता है। जब बच्चा सॉलिड खाना शुरु करता है तो उसे दलिया और सूजी जैसी चीजें खाने को दें। उसके बाद उसे हर चीज खाने को दें। असल में चौदह या पंद्रह महीने के होने के बाद बच्चों के टेस्ट बड्स सक्रिय हो जाते हैं। वह ठंडा, गर्म, खट्टा, मीठा आदि सभी स्वाद को समझने लगता है। ऐसे में उन्हें शुरूआत से ही सभी चीजें खाने की आदत डालनी जरूरी है। साथ ही बच्चों को एक ही चीज बार-बार खिलाने की जगह रोज अलग-अलग चीजें बनाकर खिलाएं। नहीं तो एक ही चीज को खाकर वे बोर होंगे और उसे खाने से मना करेंगे।
इन बातों का भी रखें ध्यान
- बच्चे किचन के सामान की शॉपिंग करने के लिए अपने साथ ले जाएं। इसतरह आप उनकी पसंद को बी जान पाएंगे और बच्चे भी पौष्टिक तत्वों के बारे में जानेंगे।
- जब बच्चा खाना शुरू हो जाए तो उसके दूध में कटौती करें। उन्हें दिन में सिर्फ दो बार दूध दें।
- इन्हें पैक्ड फूड बिल्कुल भी न दें। इससे उनकी मानसिक और शारीरिक ग्रोथ रूक सकती है।
- स्कूल के लिए उन्हें प्लास्टिक के लंच बॉक्स और बोतल न लाकर दें ।इसके अलावा रोटी या सैंडविच को एल्यूमिनियम फॉइल में भी न लपेट कर दें। ये चीजें हमारी अच्छे बैक्टीरिया पर गलत असर करते है। इससे पाचन क्रिया खराब होती हैं। साथ ही इम्यूनिटी लो होती है।
- रात के भोजन के बाद बच्चों को चॉकलेट और आइसक्रीम आदि खाने को दें। इन चीजों के सेवन से बच्चे को रात को नींद आने में परेशानी होती है। साथ ही उनके शारीरिक और मानसिक विकास पर बुरा असर पड़ता है।
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