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लेडी किलर ही नहीं यारों के यार भी थे फिरोज खान, तभी तो जिगरी दोस्त ने मरने के बाद भी नहीं छोड़ा साथ

  • Edited By vasudha,
  • Updated: 25 Sep, 2023 05:25 PM
लेडी किलर ही नहीं यारों के यार भी थे फिरोज खान, तभी तो जिगरी दोस्त ने मरने के बाद भी नहीं छोड़ा साथ

 फिल्म इंडस्ट्री में फिरोज खान को स्टाइल आइकॉन के रूप में याद किया जाता है, जिन्होंने नायक की परंपरागत छवि के विपरीत अपनी एक विशेष शैली गढ़ी जो आकर्षक और तड़क-भड़क वाली छवि थी। एक्टर फिरोज खान को बॉलीवुड में लेडी किलर के रूप में तो जाना जाता था लेकिन वह यारों के यार भी थे। तभी तो उनकी जिगरी दोस्त की मौत भी उसी दिन हुई जिस दिन फिरोज खान ने दुनिया को अलविदा कहा था।

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 फिरोज खान और विनोद खन्ना के बीच थी गहरी दोस्त

दरसअल फिरोज खान और विनोद खन्ना के बीच बेहद गहरी दोस्ती थी,  वह दोनों फिल्म दयावान, कुर्बानी और शंकी शंम्भू में साथ नजर आए थे। 27 अप्रैल 2009 को फिरोज खान का निधन कैंसर के कारण हुआ था, फिरोज की जब मृत्यु हुई तब वे 69 साल के थे। ये भी संयोग है कि विनोद की भी मृत्यु ठीक 8 साल बाद 2017 में इसी दिन हुई । दोनों की मौत का कारण भी कैंसर ही था। 


1965 में चमका किस्मत का सितारा

 25 सितंबर 1939 को बेंगलूरू में जन्में फिरोज खान ने  वर्ष 1960 में फिल्म दीदी में उन्हें पहली बार अभिनय करने का मौका मिला। जल्दी ही  फिरोज खान की किस्मत का सितारा चमका और उन्हें 1965 में फणी मजूमदार की फिल्म ऊंचे लोग में काम करने का मौका मिला। इस फिल्म में फिरोज खान के सामने अशोक कुमार और राजकुमार जैसे बड़े कलाकार थे, लेकिन अपने भावप्रवण अभिनय से वह दर्शकों में अपनी पहचान बनाने में सफल रहे। वर्ष 1965 में ही उनकी एक और फिल्म आरजू प्रदर्शित हुई, जिसमें राजेन्द्र कुमार नायक और साधना नायिका थीं। इस फिल्म में उन्होंने अपने प्रेम की कुबार्नी देने वाले युवक का किरदार निभाया। 1969 में उनकी फिल्म आदमी और इंसान प्रदर्शित हुयी। इस फिल्म के लिए उन्हें फिल्मफेयर का सर्वश्रेष्ठ सहनायक का पुरस्कार मिला।

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भाई के साथ भी किया काम 

फिरोज खान अपने भाई संजय खान के साथ भी कुछ फिल्मों में दिखाई दिए, जिनमें उपासना, मेला, नागिन जैसी हिट फिल्में शामिल हैं। वर्ष 1972 में प्रदर्शित फिल्म अपराध से फिरोज खान ने निर्माता-निर्देशक के रूप में अपनी पारी की सफल शुरुआत की। इसके बाद उन्होंने धमार्त्मा, कुबार्नी, जांबाज, दयावान, यलगार, प्रेम अगन और जानशीं जैसी कुछ फिल्मों का निर्माण किया।फिल्म निर्माण और निर्देशन के क्रम में फिरोज खान ने हिन्दी फिल्मों में कुछ नयी बातों का आगाज किया। अपराध भारत की पहली फिल्म थी, जिसमें जर्मनी में कार रेस दिखाई गई थी। धर्मात्मा की शूटिंग के लिए वह अफगानिस्तान के खूबसरत लोकशनों पर गए। इससे पहले भारत की किसी भी फिल्म का वहां फिल्मांकन नहीं किया गया था।

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लेडी किलर के नाम से मशहूर थे फिरोज खान

बॉलीवुड में लेडी किलर के नाम से मशहूर फिरोज खान ने चार दशक लंबे सिने करियर में लगभग 60 फिल्मों में अभिनय किया। उन्होंने फिल्म निर्माण की अपनी विशेष शैली बनायी थी। फिरोज खान की निर्मित फिल्मों पर नजर डालें तो उनकी फिल्में बड़े बजट की हुआ करती थीं जिनमें बड़े-बड़े सितारे आकर्षक और भव्य सेट, खूबसूरत लोकेशन, दिल को छू लेने वाला गीत, संगीत और उम्दा तकनीक देखने को मिलती थी।अपने विशिष्ट अंदाज से दर्शकों के बीच खास पहचान वाले फिरोज खान 27 अप्रैल 2009 को इस दुनिया को अलविदा कह गये। 
 

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