फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन के मेंबर्स ने हाल ही में एक चौंकाने वाला खुलासा किया है। बोर्ड के मेंबर्स ने बताया कि बाजारों में मिलनी वाली जुकाम की दवाईयां स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक हैं। बोर्ड मेंबर्स के द्वारा इकट्ठी की गई जानकारी में बताया कि इन दवाईयों में पाया जाने वाला फिनाइलफ्राइन ज्यादा प्रभावी नहीं है। फिनाइल फ्राइन कई सारी दवाईयों में मौजूद होता है लेकिन यह सिर्फ मात्र एक साधारण से गोली के जितना असर दिखाता है।
क्या होता है फिनाइलफ्रीन?
यह एक सर्दी खांसी की दवा होती है जिसका इस्तेमाल अक्सर सदी या फिर एलर्जी से राहत पाने के लिए किया जाता है। माना जाता है कि यह धमनियमों में पाया जाने वाले अल्फा 1 एड्रीनर्जिक रिसेप्टर्स को उत्तेजित करते नाक के अंदर फैली हुई रक्त वाहिकाओं को सिकुड़ने में मदद करती है। एक्सपर्ट्स की मानें तो इसका काम रक्त वाहिकाओं में तरल पदार्थ को नाक के टिश्यू में जाने से रोकना है। इसका इस्तेमाल करने से नाक में होने वाली एलर्जी से राहत पाई जा सकती हैं। यदि सीमित मात्रा में इसका सेवन न किया जाए तो ब्लड प्रेशर भी बढ़ सकता है।
किन-किन उत्पादों में मौजूद होता है फिनाइलफ्राइन
फिनाइलफ्राइन कई सारे उत्पादों जैसे सर्दी फ्लू की दवाईयों, बुखार, सिरदर्द की दवाईयों में मौजूद होती है। म्यूसिनेक्स, सिनेक्स, डेक्विल, बेनाड्रिल, टाइलेनॉल साइनस, एडविल साइनस कंजेशन, लुसोनल, क्रोगर, इक्वेट, वालग्रीन्स, सीवीएस जैसी ब्रांड्स में भी यह पाया जाता है। इनमें से कई उत्पाद अलग-अलग लेबल्स में भी आते हैं। वहीं इसमें कुछ पुराने घटक स्यूडोएफेड्रिन मौजूद होता है इसलिए इन्हें खरीदने से पहले लेबल जरुर चेक कर लें।
इस्तेमाल से पहले बरतें सावधानियां
ऐसे में फिनाइलफ्राइन का इस्तेमाल करने से पहले कुछ बातों का ध्यान रखना जरुरी है। यदि आप गर्भवती है या स्तनपान करवा रही हैं तो डॉक्टर से सलाह लेकर ही इसका सेवन करें। बिना डॉक्टरी सलाह पर इसका सेवन करने से एर्लजिक रिएक्शन, दर्द, सूजन, जलन, दिल की धड़कन, सिर चकराना, नींद न आना, असामान्य तौर पर कमजोरी, जी मिचलाना जैसी समस्याएं हो सकती हैं।