भारतीय समाज में फीमेल कंडोम आज भी एक टैबू टाॅपिक बना हुआ है जबकि यह अनचाही प्रेगनेंसी और STD से बचाता है। हालांकि ज्यादातर महिलाओं को इसके बारे में जानकारी नहीं होती, जबकि इसे इस्तेमाल करना बेहद आसान होता है। भारतीय डेटा के अनुसार, प्रेगनेंसी की ज्यादा जिम्मेदारी महिलाओं पर ही होती है। ऐसे में उन्हें कॉन्ट्रासेप्टिव के बारे में ज्यादा जानकारी होना बहुत जरूरी है।
क्या होती है फीमेल कॉन्ट्रासेप्टिव?
यह एक लुब्रिकेटेड पाऊच होता है, जिसे वैजाइना में लगाया जाता है। यह स्पर्म को वैजाइना में जाने से रोकती है, जिससे अनचाही प्रेगनेंसी नहीं होती। यह एक तरह से गर्भ निरोधक की तरह काम करता है और औरतों को एसटीडी (STD), सेक्सुअली ट्रांसमिटेड डिजीज, HIV, AIDS, यूटीआई, यूस्ट इंफेक्शन से बचाने में भी मदद करता है।
क्यों जरूरी है फीमेल सेफ्टी?
गायनेकोलॉजिस्ट के अनुसार, पुरुषों को लगता है कि प्रेगनेंसी रोकने सिर्फ महिलाओं की जिम्मेदारी है। यही वजह है कि ज्यादा पुरुष सेफ्टी यूज करना भी जरूरी नहीं समझते। वहीं, कुछ महिलाएं बर्थ कंट्रोल पिल्स लेना शुरू कर देती हैं, जिससे उनके शरीर में दिक्कतें शुरु हो जाती है। ऐसे में अनचाहे गर्भ को रोकने व इंफेक्शन से बचने के लिए फीमेल कॉन्ट्रासेप्टिव बहुत जरूरी है।
कितना सेफ है फीमेल कॉन्ट्रासेप्टिव?
फीमेल कॉन्ट्रासेप्टिव 100% सुरक्षित नही होते लेकिन इसे सावधानी, समझदारी से यूज किया जाए तो यह 95% तक कारगार साबित होते हैं। इसके काम ना करने का 5% मौका होता है। हालांकि इसे यूज करना भी आसान है। हालांकि शुरूआत में थोड़ी प्रॉब्लम हो सकती हैं लेकिन रोज इसका इस्तेमाल करने से कोई दिक्कत नहीं आती। वहीं, इसे खरीदने के लिए डॉक्टर के स्लिप की जरुरत भी नहीं होती।
क्या पीरियड्स/प्रेगनेंसी में कर सकते हैं यूज?
फीमेल कंडोम एक कॉन्ट्रासेप्टिव है जो सुरक्षित इंटरकोर्स के लिए महिलाओं द्वारा इस्तेमाल किया जाता है। सुरक्षित इंटकोर्स के लिए भी यह एक बढ़िया तरीका है। यही नहीं, इसका इस्तेमाल पीरियड्स और प्रेगनेंसी में भी किया जा सकता है।
कैसे करें इस्तेमाल?
इसमें एक छोटी और एक बड़ी दो रिंग लगी होती है। छोटी रिंग को दबाएं और वैजाइना के अंदर डालें। बड़ी रिंग वेजाइना को कवर करने का काम करती है। संबंध बनाने के बाद रिंग को धीरे से खींचकर बाहर निकालें।
फीमेल कॉन्ट्रासेप्टिव पहनने के दौरान बरतें ये सावधानी
. अगर आप इसका इस्तेमाल कर रही हैं तो पार्टनर को सेफ्टी यूज ना करने दें। इससे कंडोम फटने का डर रहता है।
. ध्यान रखें कि इसे निकलते समय सीमेन पाउच में ही रहे और लीक न हो।
. संबंध बनाते समय अगर यह बाहर निकल आए को उसे दोबारा अंदर न डाले बल्कि नई सेफ्टी का यूज करें।
. इसे हमेशा एक्सपायरी डेट देखकर ही खरीदें। साथ ही पाउच पर लिखी जानकारी के अनुसार ही इसे यूज करें।
. यह यूज एंड थ्रो बर्थ कंट्रोल तरीका है, जो पिल्स से ज्यादा सुरक्षित है। मगर, ध्यान रखें कि इसे कभी फ्लश ना करें।
तो ये थी फीमेल कंट्रेसेप्टिव, जिनके बारे में महिलाओं को जानना जरूरी है। याद रखें कि कंट्रेसेप्टिव पूरी तरह से पर्मानेंट नहीं हैं। इससे जुड़ी अधिक जानकारी के लिए डॉक्टर या गायनेकोलॉजिस्ट से सलाह लें।