नारी डेस्क: पिछले कुछ समय से खाने की चीजों से जुड़ी ऐसी खबरें सामने आ रही है जिसके बाद लोगों के मन में एक डर पैदा हो गया है। जन्मदिन का केक खाने से 10 वर्षीय बच्ची का मौत का मामला तो याद होगा ही, अब केक के अंदर कैंसर के तत्व पाए गए हैं। ऐसे में एक एडवायजरी जारी कर लोगों को केक से जुड़े संभावित जोखिमों के बारे में आगाह किया गया है।
केक में इस्तेमाल किया गया रंग सेहत के लिए खतरनाक
दरअसल कर्नाटक में फूड सेफ्टी एंड क्वालिटी डिपार्टमेंट ने दुकानों से केक के कुछ सैंपल लिए थे। सैंपलों की जांच में पता चला है कि केक में आर्टिफिशियल रंगों का यूज किया जा रहा है, ये रंग सेहत के लिए खतरनाक हैं और कैंसर का कारण बन सकते हैं।कर्नाटक खाद्य सुरक्षा एवं गुणवत्ता विभाग ने एक बयान जारी कर कहा- बेंगलुरु की कई बेकरियों से एकत्र किए गए केक के 12 नमूनों में कई कैंसर फैलाने वाले पदार्थ पाए गए हैं।
केक में मिलाया जाता है सनसेट येलो एफसीएफ
फूड डिपार्टमेंट की जांच में पता चला है की केक में सनसेट येलो एफसीएफ, एल्यूरा रेड मिलाया जा रहा है। केक को अच्छा रंग देने के लिए इनका यूज किया जा रहा है। ये रंग कार्सी जेनिक एजेंट्स होते हैं जो कैंसर का कारण बन सकते हैं। इस मामले में कई रिसर्च हो चुकी है की सनसेट येलो एफडीएफ के सेवन से कैंसर हो सकता है। हालांकि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अध्ययनों ने सनसेट येलो एफसीएफ से कैंसर का रिस्क नहीं बताया गया है, लेकिन अगर केक में तय मानक से ज्यादा केमिकल मिलाए जा रहे हैं तो इससे कैंसर होने की आशंका रहती है।
खाद्य सुरक्षा विभाग ने किया अलर्ट
कर्नाटक सरकार ने जांचे गए 235 केक के नमूनों में से 223 तो सुरक्षित पाए हैं, लेकिन 12 में खतरनाक स्तर पर कृत्रिम रंग पाए गये हैं। खाद्य सुरक्षा विभाग का कहना है कि रेड वेलवेट और ब्लैक फॉरेस्ट जैसे केक, सेहत के लिए खतरनाक साबित हो सकते हैं। सरकारी निकाय ने बेकरियों को सुरक्षा मानकों का पालन करने का निर्देश दिया है। बेकरी चालकों को केक में कृत्रिम रंगों के इस्तेमाल के खिलाफ चेतावनी भी दी गई है।