पुरी जगन्नाथ मंदिर के कम से कम नौ सेवक मंगलवार को उस समय घायल हो गए जब भगवान बलभद्र की मूर्ति उन पर गिर गई। घटना के समय रथयात्रा उत्सव के तहत मूर्ति को रथ से उतारकर मंदिर ले जाया जा रहा था। इस घटना के बाद भगदड़ जैसी स्थिति पैदा हो गई थी, घायलों को तुरंत अस्पताल ले जाया गया।
एक अधिकारी ने बताया कि नौ लोगों में से पांच को अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जबकि चार अन्य को मामूली चोटें आई हैं। यह दुर्घटना रात करीब नौ बजे हुई, जब रथ से भगवान बलभद्र की लकड़ी की भारी मूर्ति को गुंडिचा मंदिर ले जाने के लिए उतारा जा रहा था। ऐसा प्रतीत होता है कि मूर्ति को ले जाने वाले लोग उस पर नियंत्रण खो बैठे और चोटिल हो गए।
एक घायल सेवक ने बताया कि मूर्ति से बंधी रस्सी जैसी सामग्री में कुछ समस्या होने के कारण यह दुर्घटना हुई। अस्पताल में भर्ती दो लोगों को बाद में छुट्टी दे दी गई और वे अनुष्ठान में शामिल हो गए। मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने घटना पर चिंता व्यक्त की और कानून मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन को तुरंत पुरी जाने और उचित कदम उठाने का निर्देश दिया।
मान्यताओं के अनुसार रथयात्रा निकालकर भगवान जगन्नाथ को प्रसिद्ध गुंडिचा माता मंदिर पहुंचाया जाता हैं। देवता ने सोमवार को अपने-अपने रथ पर रात बिताई और मंगलवार को तीनों देवताओं को गुंडिचा मंदिर में ले जाया गया और देर शाम दैता सेवकों द्वारा आयोजित औपचारिक गोटी पहंडी में रत्न सिंहासन पर बैठाया गया। इसके बाद पका हुआ महाप्रसाद चढ़ाने के साथ नियमित अनुष्ठान किये जायेगे।