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पहाड़, झरने, बादल, बारिश  का एक साथ लेना है आनंद तो जरुर करें दार्जिलिंग की टॉय ट्रेन की सैर

  • Edited By vasudha,
  • Updated: 08 Jun, 2024 07:10 PM
पहाड़, झरने, बादल, बारिश  का एक साथ लेना है आनंद तो जरुर करें दार्जिलिंग की टॉय ट्रेन की सैर

प्रतिष्ठित दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे (डीएचआर) ने हिमालयी शहर और घूम के बीच ‘विशेष जॉयराइड टॉय ट्रेन' शुरू करने के तुरंत बाद यात्रियों की अतिरिक्त भीड़ को कम करते हुए इसे प्रभावित किया है।  दो फुट चौड़े ट्रैक पर डीएचआर ब्रिटिश काल वाला एक इंजीनियरिंग चमत्कार है। 

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विक्टोरियन युग, जिसे यूनेस्को की विरासत का दर्जा प्राप्त है, पहाड़ों की इस रानी की यात्रा करने वाले यात्रियों की अतिरिक्त भीड़ को कम करने के लिए छह जून से डीजल स्पेशल जॉयराइड टॉय ट्रेन सेवाओं का संचालन कर रहा है। दार्जिलिंग और घूम के बीच यह सेवा 30 जून तक जारी रहेगी। पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे के सीपीआरओ सब्यसाची डे ने इसकी पुष्टि की है। 

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ट्रेन नंबर 02550 (दार्जिलिंग-घूम- दार्जिलिंग) जॉयराइड) दार्जिलिंग से 15:30 बजे प्रस्थान करेगी और 16:15 बजे घूम पहुंचेगी। वापसी में यह ट्रेन घूम से 16:35 बजे रवाना होगी और 17:05 बजे दार्जिलिंग पहुंचेगी। इस ट्रेन में तीन प्रथम श्रेणी चेयरकार कोच शामिल होंगे। दो कोच में 30 सीटें और एक कोच में 29 सीटें होंगी।

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 इसका निर्माण 1879 और 1881 के बीच किया गया था और इसकी कुल लंबाई 78 किलोमीटर (48 मील) है। इसकी उन्नयन (ऊंचाई) स्तर न्यू जलपाईगुड़ी में लगभग 100 मीटर (328 फीट) से लेकर दार्जिलिंग में 2,200 मीटर (7,218 फुट) तक है। स रेलवे को यूनेस्को द्वारा नीलगिरि पर्वतीय रेल और कालका शिमला रेलवे के साथ भारत की पर्वतीय रेल के रूप में विश्व धरोहर स्थल के रूप में सूचीबद्ध किया गया है। इस रेलवे का मुख्यालय कुर्सियांग शहर में है।

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 इस टॉय ट्रेन सवारी करके आप पहाड़, झरने, बादल, बारिश, ठंड आदि का मजा एक साथ ले सकते हैं। यदि आपने दार्जिलिंग घूमने का टूर बनाया है तो आप टॉय ट्रेन का आनंद लेना बिल्कुल ना भूलना। यह आपको हर पल एक नए सुखद अनुभव को महसूस कराएगी। यह ट्रेन दार्जिलिंग से पहले विभिन्न बस्ती, मोहल्ले और बाजारों में होकर गुजरती है। 

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