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नवरात्रि में हाथी पर सवार होकर आएंगी मां दुर्गा, ये एक काम करने से बरसेगा खूब सारा पैसा

  • Edited By palak,
  • Updated: 10 Oct, 2023 06:03 PM
नवरात्रि में हाथी पर सवार होकर आएंगी मां दुर्गा, ये एक काम करने से बरसेगा खूब सारा पैसा

हिंदू धर्म में नवरात्रि का पर्व बहुत ही खास माना जाता है। नौ दिनों तक मां के भक्त पूरे विधि-विधान के साथ पूजा व व्रत करते हैं। इस बार शारदीय नवरात्रि 15 अक्टूबर से शुरु होंगे और इनका समापन 24 अक्टूबर को होगा। पूरी विधि के साथ मां की पूजा व व्रत करके उनसे सुख-समृद्धि का वरदान पाते हैं। नौ दिनों में मां दुर्गा के अलग-अलग स्वरुपों की पूजा की जाती है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इस बार मां दुर्गा हाथी पर सवार होकर आ रही हैं जो कि एक बहुत ही शुभ प्रतीक है। मान्यताओं के मुताबिक, क्योंकि मां इस बार हाथी पर सवार होकर आ रही हैं तो इस दौरान एक खास काम करने से मां दुर्गा घर की गरीबी दूर करेंगी। आइए जानते हैं ऐसा कौन सा काम है जिससे मां प्रसन्न होंगी.... 

दुर्गा सप्तशती का पाठ 

हिंदू धर्म में मां दुर्गा की सबसे बड़ी मां के रुप में पूजा की जाती है। नवरात्रि में मां दुर्गा के साथ-साथ उनके अलग-अलग और नौ स्वरुपों की भी पूजा होती है। इस दौरान दुर्गा सप्तशती का पाठ करना बहुत ही शुभ माना जाता है। यदि नौ दिनों तक यह पाठ पूरे नियमित तौर पर किया जाए तो मां भक्तों पर अपनी विशेष कृपा बनाती हैं।

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मार्कण्डेय पुराण में बताई गई है खासियत 

मार्कण्डेय पुराण में दुर्गा सप्तशती के पाठ का जिक्र किया गया है। इसके अलावा इसमें मां दुर्गा की उपासना के 700 श्लोक भी बताए गए हैं। यह 700 श्लोक तीन भागों में बांटे गए हैं। दुर्गा सप्तशती का पाठ करने से व्यक्ति की आर्थिक समस्याएं और गरीबी भी दूर होती है लेकिन दुर्गा सप्तशती का पाठ करने से पहले कुछ नियमों का खास ध्यान रखना जरुरी है। 

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इन नियमों का रखें ध्यान

दुर्गा सप्तशती का पाठ करने से पहले कलश पूजन और ज्योति पूजन करना जरुरी है। उसके बाद लाल कपड़े पर दुर्गा सप्तशती की पुस्तक रखें। फिर दुर्गा सप्तशती का पाठ करनेसे पहले और बाद में नर्वाण मंत्र का जाप जरुर करें। ओं ऐं ह्वीं क्लीं चामुण्डाये विच्चै का पाठ करें। यदि आप किसी कारणवश दुर्गा सप्तशती का पाठ नहीं कर सकते तो नवरात्रि मं नौ दिन तक रोज कवच, कीलक और अर्गला स्तोत्र का पाठ करें। फिर कुंजिका स्तोत्र का पाठ करें। इससे भी दुर्गा सप्तशती के पाठ जितना ही फल आपको मिलेगा।

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