महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर भगवान शिव की पूजा-अर्चना की जाती है। वहीं कुछ महिलाएं इस दिन फलाहारी व्रत भी रखती हैं। मगर, व्रत के दौरान सिर्फ पूजा-अर्चना ही काफी नहीं होता। इस दौरान आपको कुछ बातों का खास ख्याल भी रखना पड़ता है। शास्त्रों के अनुसार, अगर इन नियमों का पालन ना किया जाए तो भगवान शिव नाराज भी हो सकते हैं। चलिए आपको बताते हैं कि शिवरात्रि में महिलाओं को किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
सबसे पहले बात करते हैं व्रत के दौरान आपको किन नियमों का पालन करना चाहिए...
-सुबह जल्दी उठे और नहा-धोकर साफ कपड़े पहनें। इसके बाद भगवान शिव की पूजा करें और कथा पढ़ें। साथ ही भगवान शिवजी को फल, बेलपत्र, पंजीरी, भांग, धतूरा, सफेद फूल जरूर चढ़ाएं।
-नवरात्र व्रत में सूखे मेवे, फल, दूध आदि का सेवन करें।
-दिन में दो बार सुबह-शाम ज्योत जलाएं और शिव चालीसा या शिवरात्री कथा का पाठ करें।
-पूजा के दौरान महिलाएं शिवलिंग को हाथ ना लगाएं। माना जाता है कि इससे माता पार्वती नाराज हो जाती है।
- शिव पूजन के समय शिवलिंग पर भस्म चढ़ाना शुभ माना गया है।
अब हम आपको बताते हैं कि नवरात्रि के दौरान आपको क्या करना चाहिए और क्या नहीं...
साफ सफाई पर ध्यान दें
शिवरात्रि के दिन साफ सफाई पर खास ध्यान दें। ऐसा माना जाता है कि इस दिन भगवान शिव धरती पर आते हैं इसलिए साफ-सफाई का ध्यान रखना बहुत जाता है।
इन चीजों का करें सेवन
अगर आपने व्रत रखा है तो सिर्फ फल, दूध व नट्स आदि का सेवन करें। अगर व्रत नहीं रखा है तो भी मांसाहार, शराब, सिगरेट से दूर रहें। साथ ही इस दिन कालें रंग के कपड़े और चमड़े से बनी वस्तुओं का यूज ना करें।
नाखून और बाल काटना
इस दिन बाल नहीं कटवाने चाहिए। वहीं नाखून काटने से भी परहेज करना जरूरी है, खासकर उन लोगों के लिए जिन्होने व्रत रखा है।
रहें शांत
व्रत के दौरान हमें मन को शांत रखकर सिर्फ भगवान शिव का ध्यान करना चाहिए। इन दिनों में घर में शांति और सद्भाव रखने से भगवान नाराज हो सकते हैं।
महिलाएं रखें इस बात का ख्याल
महिलाओं को मासिक धर्म के दौरान पूजन नहीं करना चाहिए। इन दिनों के पूजन वर्जित माना जाता है। शिवरात्रि के दिन काले कपड़े न पहनें। शास्त्रों के अनुसार इस दिन हर किसी को सफेद या लाल कपड़े पहनना शुभ होता है।
दिन में सोने से नहीं आएगी बरकत
जो लोग व्रत रख रहे हैं, उन्हें दिन में सोना नहीं चाहिए। इसके अलावा तंबाकू चबाने और शारीरिक संबंध बनाने से भी व्रत का फल नहीं मिलता है।