नारी डेस्कः पंजाबी सिंगर दिलजीत दोसांझ के चाहने वाले सिर्फ इंडिया ही बल्कि विदेश में बहुत है। फैंस उनके गाए गानों पर झूमने के लिए तैयार रहते हैं और फिर कॉन्सर्ट की बात आए तो टिकटों के लिए पैसों की भी परवाह नहीं करते लेकिन इस बार दिलजीत की इतनी महंगी टिकट को लेकर लोग नाराजगी जाहिर कर रहे हैं हालांकि बावजूद इसके दिलजीत के कॉन्सर्ट की महंगी टिकटें भी मिनटों में ही बिक गई। दिलजीत के कॉन्सर्ट की महंगी टिकटों वाला मुद्दा फेमस डिजिटल क्रिएटर और एक्ट्रेस सलोनी गौर ने उठाया और उस पर एक वीडियो भी शेयर की। सलोनी ने तो यहां तक कह दिया कि भई 10 हजार की टिकट से अच्छा 10 हजार के जूते ले लो।'
चलिए आपको सलोनी की ही बात बताते हैं कि उन्होंने फैंस को क्या नसीहत दी। कॉन्सर्ट में न जाने की नसीहत देते हुए सलोनी गौर कहती हैं, "आज कल की जेनरेशन कॉन्सर्ट पर बहुत खर्चा कर रही हैं। किसी को गाते हुए देखने के लिए इतने महंगे-महंगे टिकट्स खरीद रहे हैं। अगर आपको वो टिकट मिलता भी है तो आपकी सीट ऐसी जगह होगी, जहां पर आपको वो आदमी, चींटी की तरह दिखेगा। आप 10 हजार का टिकट लोगे, इससे अच्छा आप 10 हजार के जूते ले लो।"
आपको बता दें कि सिंगर दिलजीत दोसांझ भारत में जल्द ही ‘दिल-लुमिनाती टूर’ करने जा रहे हैं। 10 शहरों में होने वाले इन कॉन्सर्ट्स का फैंस में अलग ही क्रेज है और ये उत्सुकता इस कॉन्सर्ट के नाम 'Dil-lluminati' को लेकर भी है। लोग इसे 'illuminati' (इल्युमिनाटी) से भी जोड़ रहे हैं। दिलजीत के बारे में अक्सर ये बात कही जाती है कि वह इल्युमिनाटी कम्युनिटी के मेंबर है। बहुत से लोग इसे नहीं
जानते तो चलिए आपको समझाते हैं कि क्या है ये कम्युनिटी?
कहा जाता है कि इल्युमिनाटी एक सीक्रेट सोसाइटी है जिसके सदस्य अपनी हर ख्वाहिश पूरी कर सकते हैं। अक्सर बड़े सेलिब्रिटीज के बारे में यह गॉसिप चलती है कि वे illuminati के सदस्य हैं। कई सेलिब्रिटीज के वीडियोज को लेकर सोशल मीडिया पर दावा किया जाता है कि वे इल्युमिनाटी का खास साइन बनाते हैं और उससे जुड़े हुए हैं। कई यूजर्स का तो यह भी कहना है कि रियलिटी शो 'बिग बॉस का लोगो', जो त्रिकोण में एक आंख है, वह भी इल्युमिनाटी का ही प्रतीक है हालांकि ये इल्युमिनाटी है क्या, आज भी एक रहस्य माना जाता है।
इल्युमिनाटी का हिस्सा हैं दिलजीत दोसांझ?
दिलजीत की इंटरनेट पर कई वीडियोज वायरल हैं जिनमें वह अपने हाथों से त्रिकोण का साइन बनाते नजर आ रहे हैं हालांकि, सिडनी में एक कॉन्सर्ट के दौरान दिलजीत ने कहा था कि उन्होंने अपने हाथों से जो साइन किया था वो क्राउन चक्र का निशान था, इल्युमिनाटी नहीं। इस बार दिलजीत ने अपने कॉन्सर्ट का नाम ही इल्युमिनाटी से जोड़कर लिखा है। अब ये पब्लिसिटी स्टंट भी हो सकता है और दिलजीत का इशारा भी। कई लोगों का मानना है कि अमेरिकी एक्टर्स एंजेलिना जोली और पॉप स्टार बेयोंसे भी इसकी मेंबर कही जाती है। कहा जाता है कि एंजेलिना की फिल्म "टॉम्ब रेडर" की कहानी भी इल्युमिनाटी पर आधारित थी।
हॉलीवुड पॉपस्टार बेयोंसे को भी इसका मेंबर माना जाता है, क्योंकि कॉन्सर्ट के दौरान वह और उनके पति जेजी कई बार खास निशान बनाते हैं जिसे इल्युमिनाटी से जोड़ा जाता है। ऐसा ही कुछ साइन बनाते हुए सिंगर रिहाना के वीडियोज भी काफी वायरल होते हैं। लेकिन ये है क्या, यह आज भी एक रहस्य है। वैसे आपने कभी ना कभी इल्युमिनाटी का नाम फ़िल्मों, किताबों और ख़ुफ़िया कहानियों में सुना होगा। सिर्फ सेलेब्स के साथ ही नहीं बल्कि अमेरिकी राष्ट्रपति JF केनेडी की हत्या से लेकर देशों के बीच युद्ध करवाने और सरकारें गिराने में इस कम्युनिटी का हाथ रहा है। ऐसा कहा जाता रहा है।
इस कहानी की शुरुआत साल 1748 मध्य यूरोप के राज्य बवेरिया से शुरू होती है। एडम वाइसहाप्ट नाम के एक शख्स का इस गांव में जन्म हुआ था। कहा जाता है कि उनके पूर्वज यहूदी थे। बड़े होकर वह इंग्लोस्टाड की यूनिवर्सिटी में धार्मिक कानूनों के प्रोफेसर बन गए। अब बात यह थी कि वह जिस यूनिवर्सिटी में काम करते थे वहां का प्रशासन पादरियों से चलता थे लेकिन वाइसहाप्ट खुद एक पादरी नहीं थे।
1 मई 1776 को वाइसहाप्ट और उनके चार छात्रों ने प्रतिज्ञा ली कि वे एक खुफ़िया संगठन की शुरुआत करेंगे, वे अपनी पहचान कभी भी जाहिर नहीं करना चाहते थे। उन्होंने अपने इस ख़ुफ़िया संगठन को नाम दिया इल्युमिनाटी। इसमें नियम था कि 30 साल से ज्यादा उम्र का कोई व्यक्ति इसका मेंबर नहीं हो सकता है। और इल्युमिनाटी का प्रतीक 'उल्लू' को बनाया गया। संगठन बनते ही लोग इससे जुड़ते गए। इसके सदस्य जासूसों की तरह काम करते थे और अन्य संगठनों के सदस्यों का पता लगाकर उन्हें इल्युमिनाटी के मेंबर्स बनाते थे। आपने जब भी ये नाम सुना होगा, उसके साथ एक तस्वीर देखी होगी। एक पिरामिड जिसके ऊपर एक आंख बनी होती है। ये पिरामिड ही इल्युमिनाटी के स्ट्रक्चर को दर्शाता है। इल्युमिनाटी में सदस्यता के 13 लेवल थे जो तीन भागों में बंटे थे।
खत्म कर दिया गया था इल्युमिनाटी?
इल्युमिनाटी समाज में बड़ा परिवर्तन लाना चाहता था लेकिन कुछ समय बाद इसके ठिकानों पर छापेमारी शुरू हो गई। सरकार को कई गुप्त दस्तावेज मिले, जो दिखाते थे कि यह संगठन वास्तव में विश्व पर नियंत्रण प्राप्त करना चाहता था। कहा तो यह भी जाता था कि इल्युमिनाटी नास्तिक संगठन है और दूसरा की यह शैतान की पूजा करते हैं। वहीं फेमस होने के लिए शख्स यहां अपनी आत्मा बेचते हैं। संगठन के प्रमुख, एडम वाइसहाप्ट, खुद को राजा मानते थे और 'स्पार्टकस' के नाम से पहचान रखते थे। इन खुलासों के बाद, इंग्लोस्टाड के ड्यूक ने इल्युमिनाटी पर प्रतिबंध लगा दिया और वाइसहाप्ट को देश निकाला दे दिया। इसके बाद इसे समाप्त मान लिया गया हालांकि सभी ऐसा नहीं मानते क्योंकि 21वीं सदी में भी इसके चर्चे हो रहे हैं।
साल 1798 में इल्युमिनाटी का भूत अमेरिका भी पहुंचा, जब अमेरिकी राष्ट्रपति जॉर्ज वॉशिंगटन ने एक चिट्टी में illuminati के ख़तरे का ज़िक्र किया, यहां तक कि अमेरिका के तीसरे राष्ट्रपति थॉमस जेफरसन पर इल्युमिनाटी का सदस्य होने का आरोप भी लगा। 21वीं सदी में आज भी लोग मानते हैं कि यह संगठन जिंदा है और लोग सीक्रेट रहकर इसमें काम करते हैं, जो भी इसका सदस्य बनता है यह लोग उसे हर तरह से जिताने की कोशिश करते हैं। हालांकि ये सब इंटरनेट के माध्यम से बताई गई जानकारी है। इसमें कितनी सच्चाई है कोई नहीं जानता।