डायबिटीज मरीजों के लिए शुगर लेवल कंट्रोल करना बहुत जरूरी है क्योंकि अनकंट्रोल शुगर आंखों के साथ-साथ शरीर के कई अंगों पर असर डालती है। ऐसे में शुगर को कंट्रोल रखने के लिए डायबिटीज मरीजों को कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले फूड्स खाने की सलाह दी जाती है। आज अपने इस आर्टिक में हम आपको कुछ ऐसी दालों के बारे में बताएंगे जिनका ग्लाइसेमिक इंडेक्स बहुत कम होता।
क्या है ग्लाइसेमिक इंडेक्स?
ग्लाइसेमिक इंडेक्स वह पैमाना है जिससे पता चलता है कि कौन-सा भोजन कितनी तेजी से शरीर में शुगर बढ़ाएगा। इसमें ग्लुकोज का स्कोर 0 से 100 तक होता है।
मधुमेह में दाल खाने के फायदे
. दालों में पोषण ज्यादा और फैट कम होता है।
. इनमें घुलनशील और अघुलनशील डायटरी फाइबर होते हैं, जो पाचन क्रिया को सही रखते हैं।
. लंच या डिनर में दाल का सेवन करने से कब्ज, एसिडिटी की समस्या नहीं होती।
. कॉम्प्लेक्स कार्बोहाइड्रेट और प्रोटीन होने के कारण दालों से खून में ग्लूकोज टूटने की प्रक्रिया धीमी हो जाएगी।
काबुली चना
इसमें कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स और हाई प्रोटीन व फाइबर होता है। डायबिटीज रोगी बिना किसी झिझक इसका सेवन कर सकते हैं।
चना दाल
चना दाल में ग्लाइसेमिक इंडेक्स 8 से कम होता है, जो शुगर को कंट्रोल करता है। यह लाल रक्त कोशिकाओं के निर्माण में भी मददगार है।
राजमा
राजमा का GI लेवल 19 होता है। इसमें फाइबर भी भरपूर होता है जो शुगर और ब्लड प्रेशर को कंट्रोल में मददगार है।
मूंग दाल
मूंग दाल का GI 38 है, जो डायबिटीज मरीजों के लिए फायदेमंद है। इसमें फाइबर भरपूर होता है जो पाचन तंत्र के लिए फायदेमंद है।
उड़द दाल
उड़द की दाल का GI 43 होता है और यह प्रोटीन का भी बेहतरीन स्रोत है। डायबिटीज मरीजों के लिए भी इसका सेवन बहुत फायदेमंद है।
ये दालें भी फायदेमंद
इनके अलावा डायबिटीज मरीज अपनी डाइट में तुअर दाल, लोभिया, साबुत मसूर, सोयाबीन, काले चने भी ले सकते हैं क्योंकि इनका ग्लाइसेमिक इंडेक्स लेवल भी कम होता है।
अगर आप भी डायबिटीज मरीज है तो किसी एक्सपर्ट से सलाह लेकर इन दालों को अपनी डाइट का हिस्सा बनाएं।