देवी दुर्गा के पावन नवरात्रों का त्योहार चल रहा है। इस दौरान लोग देवी मां को खुश करने के लिए पूरे नौ दिन उनकी पूजा करते हैं। व्रत रखने के साथ देवी मां के मंदिर भी जाते हैं। मगर क्या आप जानते हैं भारत देश में देवी मां का एक मंदिर ऐसा भी है जहां पर कोई भक्त नहीं जाता हैं। जी हां, मध्यप्रदेश के देवास जिले में स्थित देवी मां का एक ऐसा मंदिर जो शापित है। ऐसे में लोग वहां जाने से डरते या कतराते हैं। तो चलिए आज हम आपको इस मंदिर के शापित होने की कहानी के बारे में बताते हैं...
मंदिर में चढ़ती है बली
माना जाता है कि देवी मां के इस मंदिर में दर्शन करने जाने पर बली चढ़ानी पड़ती है। ऐसे में लोग इस मंदिर में जाने के लिए डरते व कतराते हैं। इसके साथ ही लोगों का कहना है कि यहां पर किसी औरत की आत्मा भी भटकती है।
देवास के महाराज ने बनवाया था मंदिर
इस मंदिर का निर्माण देवदास के महाराज द्वारा हुआ था। कहा जाता है कि मंदिर को बनवाने के बाद राजघराने में आएदिन कोई न कोई अशुभ घटना होने का सिलसिला चलने लगा। उसी समय महाराज की पुत्री और उनके एक सेनापति के बीच प्यार पनपने लगा। दोनों का कोई मेल न होने पर महाराजा को इनके विवाह में आपत्ति थी। ऐसे में उन्होंने अपनी राजकुमारी को कैद कर दिया। कैद होने के बाद राजकुमारी की मृत्यु हो गई।
सेनापति ने की थी मंदिर में आत्महत्या
जब राजकुमारी की मौत का पता सेनापति यानि उसके प्रियतम को पता चला तो उसने उसी मंदिर में अपनी जान दे दी। सेनापति के आत्महत्या करने के बाद उनके राजपुरोहित ने महाराजा को मंदिर के अपवित्र होने के बारे में बताया। साथ ही कहा कि अब अपवित्र होने से अब मंदिर में पूजा करने का शुभफलदाई नहीं होगा।
देवी मां की मूर्ति को उज्जैन में स्थापित किया गया
मंदिर की पवित्रता भंग होने के बाद राजपुरोहित ने वहां से देवी मां की प्रतिमा को उठाने को कहा। ऐसे में दुर्गा मां की उस मूर्ति को उज्जैन के गणेश मंदिर में स्थापित कर दिया गया। साथ ही मंदिर को शापित मान कर बंद कर दिया गया। कहा जाता है कि मंदिर के बंद होने के बाद भी वहां अजीबोगरीब घटनाएं होती रहती है।