आम जन के बीच अभी तक कोरोना की वैक्सीन नहीं आई है जिससे इस वायरस का खतरा अभी भी ज्यादा है। इसके संक्रमण से बचने के लिए लोग हर जगह मास्क पहन रहे हैं और हाथों को इन्फेक्शन से बचाने के लिए दस्ताने पहन रहे हैं लेकिन हाल ही में वैज्ञानिकों ने एक दावा किया है। कोरोना से जुड़ी रोजाना नई नई खबरें और दावे सामने आ रहे हैं वहीं हाल ही में वैज्ञानिकों ने जो दावा किया है उसके अनुसार नेसल स्प्रे लोगों को कोरोनावायरस से बचा सकता है।
मास्क से ज्यादा कारगर
इतना ही नहीं वैज्ञानिकों की मानें तो नेसल स्प्रे मास्क और दस्ताने और पीपीई से भी ज्यादा इफेक्टिव है। दरअसल सैन फ्रांसिस्को की यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया के शोधकर्ताओं ने हाल ही में एक एयरोनैब बनाया है जिसे आसानी से सूंघा जा सकता है इतना ही नहीं वैज्ञानिकों के द्वारा यही आस की जा रही है कि यह इस कोरोना काल में एक अस्थायी उपकरण के रूप में काम करेगा और इससे बहुत से लोगों को संक्रमण से बचाया जा सकता है।
क्या है एयरोनैब?
दरअसल एयरोनैब में नैनोबॉडी पाए जाते हैं और यह बॉडीज अकसर लामों, ऊंटों और अल्फ़ाकों के खून मेें पाए जाने वाले एक तरह के प्रतिरक्षा प्रोटीन होते हैं। लैब परीक्षणों ने छोटे प्रोटीनों को दिखाया है और यह मनुष्यों में पाए जाने वाले एंटीबॉडी के आकार का एक चौथाई है, कोरोनावयरस संक्रमण को कोशिकाओं में प्रवेश करने से रोकने के लिए यह प्रोटीन कारगर है लेकिन वहीं एयरोनैब स्प्रे को अभी भी क्लीनीकल टेस्ट में साबित करने की जरूरत है।
शोधकर्ता डॉक्टर पीटर वाल्टर के अनुसार,' उपकरणों के पहनने योग्य रूपों की तुलना में यह नेसल स्प्रे कहीं अधिक प्रभावी है। हम एयरोनैब को पीपीई का परमाणु-संबंधी रूप मानते हैं जो एक महत्वपूर्ण स्टॉपगैप के रूप में काम कर सकता है। जब तक कोरोना का टीका नहीं आता है तब तक इस नेसल स्प्रे से लोगों को इस वायरस के संक्रमण से बचाया जा सकता है।'
नैनोबॉडी पहले भी कईं वायरस के खिलाफ कर चुका काम
वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि यह वायरस के असर को कम करने के लिए तैयार हो सकते हैं क्योंकि इससे पहले भी नैनोबॉडी इस तरह के वायरस के खिलाफ काम कर चुका है। इन वायरस में सार्स जैसी बीमारी भी शामिल है।