रूस कोरोना वायरस का टीका बनाने वाला पहला देश है। तीसरे ट्रॉयल के बाद 2 अगस्त को दुनिया की पहली वैक्सीन स्पुतनिक-वी (Sputnik-V) को मंजूर दी गई थी। वहीं, 14 अक्तूबर को रूस ने दूसरी कोरोना वैक्सीन एपिवैककोरोना (EpiVacCorona) भी तीसरे ट्रॉयल के बाद मार्केट में उतार दी गई। इसी बीच खबरें आ रही हैं कि रूस ने कोरोना की तीसरी वैक्सीन भी तैयार कर ली है।
रूस ने बनाई कोरोना की तीसरी वैक्सीन
खबरों के मुताबिक, चुमाकोव सेंटर ऑफ रशियन एकेडमी ऑफ साइंसेज में रूस की तीसरी कोरोना वैक्सीन बनाई जा रही है, जिसे दिसंबर 2020 तक मंजूरी दी जा सकती है। फिलहाल पहले ट्रॉयल में 15 वॉलंटियर्स को यह वैक्सीन दी जा चुकी है, जिसमें किसी तरह की गंभीर साइड-इफैक्ट्स देखने को नहीं मिले। उम्मीद है कि वैक्सीन का तीसरा ट्रॉयल दिसंबर तक पूरा हो जाएगा।
दूसरी वैक्सीन का ट्रायल सफल होने का दावा
वहीं, रूस का दावा की उनकी दूसरी वैक्सीन एपिवैककोरोना (EpiVacCorona) का तीसरी ट्रॉयल भी सफल रहा। इस वैक्सीन का ट्रॉयल 100 वॉलंटियर्स पर किया था, जिसमें कोई साइड-इफैक्ट सामने ना आने के बाद इसे मंजूरी दे दी गई। खबरों के मुताबिक, रूस के उप प्रधानमंत्री ततयाना गोलिकोवा ने भी दूसरी वैक्सीन ली थी। अब देशभर से 40 हजार लोगों को एपिवैककोरोना वैक्सीन के अगले चरण के ट्रायल के लिए चुना जाएगा।
भारत में भी जल्द उपलब्ध होगी वैक्सीन
रूस के बाद भारत, अमेरिका, ब्रिटेन में भी कोरोना वैक्सीन का आखिर ट्रायल चल रहा है, जिसके रिजल्ट काफी पॉजिटिव मिले है। सफलता मिलने के बाद ही भारत में टीकाकरण अभियान शुरू किया जा सकेगा। हालांकि विशेषज्ञ समिति ने केंद्रीय एजेंसियों और राज्यों से इनपुट्स लेकर टीकाकरण का ड्राफ्ट तैयार कर लिया है, जिसमें बताया गया है कि पहले किन लोगों को टीकाकरण में प्राथमिकता दी जाएगी।
वैक्सीन के लिए प्राथमिकता सूची में चार कैटेगरी हैं-
ड्राफ्ट के मुताबिक, टीकाकरण अभियान के पहले चरण में देश की 23% आबादी को शामिल किया जाएगा, जिसमें...
. करीब 50 से 70 लाख हेल्थकेयर प्रोफेशनल्स
. दो करोड़ से ज्यादा फ्रंटलाइन वर्कर्स
. 50 साल से ज्यादा उम्र वाले करीब 26 करोड़ लोग
. 50 साल से कम उम्र के लोग जो किसी बीमारी से ग्रस्त हैं