कैंसर एक भयानक बीमारी के रुप में उभरी हुई है। इसका मुख्य कारण यही है कि कैंसर के जिम्मेदार कारकों का सही समय पर पता नहीं चल पाता और रोगी को इलाज मिलने में भी देरी हो जाती है, जिसके कारण उसको जान का खतरा भी हो जाता है। कैंसर की बीमारी के बारे में जानने के लिए मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के रिसर्चस ने एक ऐसा कम्प्यूटर मॉडल तैयार किया है, जिसके द्वारा इंसान से भी ज्यादा अच्छे तरीके से कैंसर के शुरुआती लेवल का पता लगाया जा सकेगा। इस मॉडल में कैंसर कोशिकाओं के जीनोम की भी तेजी से स्कैन की जा सकेगी।
मेसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के रिसर्चस ने किया अध्ययन
यह अध्ययन मेसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के रिसर्चस और राष्ट्रीय कैंसर संस्थान के द्वारा किया गया। रिसर्चस ने बताया कि इस तकनीक के द्वारा आने वाले समय में कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी की समय रहते ही पहचान की जा सकेगी। उन्होंने बताया कि कई बार कैंसर बदलता भी रहता है, जिसके कारण इसकी पहचान करना बहुत ही मुश्किल हो जाता है। कैंसर की पहचान न होने के कारण यह जानलेवा भी हो सकता है। इस नए कंप्यूटर मॉडल के जरिए कैंसर के शुरुआती लक्ष्णों की पहचान की जा सकेगी।
30 फीसदी मरीजों की पहचान नहीं हो पाती
रिसर्चस ने खुलासा किया कि- कैंसर के बदलने के कारण कई बार यह ट्यूटर का रुप भी ले लेता है। अध्ययन के मुताबिक, ऐसे रोगियों की पहचान की जा सकेगी। इसके अलावा डॉक्टरो को उन दवाओं की पहचान करने में भी मदद मिलेगी, जिनसे सफलतापूर्वक बीमारी का इलाज किया जा सके। रिसर्चस के अनुसार, सिर्फ 30 फीसदी कैंसर रोगियों में कैंसर म्यूटेशन होने केा कारण पहचान नहीं पाती है।
कैंसर के कारणों की हो सकेगी पहचान
मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेकनोलॉजी के रिसर्चर व अध्ययन के प्रमुख लेखक मैक्सवेल शेरमैन ने बताया कि - 'उनकी टीम लगभग दो दशक से मानव जीनोम में ऐसे उत्परिवर्तनों को खोजने का प्रयास कर रहे हैं, जो कोशिकाओं को अनियंत्रित रुप से बढ़ने या प्रतिरक्षा प्रणाली से बचने के कैंसर में योगदान देते हैं। इस दौरान उनकी टीम ने दो कारकों को पहचानने में सफललता हासिल की है। अब इनके इलाज के दवाइयां भी विकसित की जा सकेंगी।'
भविष्य में खुलेंगे इलाज के नए दरवाजे
शोधकर्ता और मुख्य लेखक मैक्सवेल शेरमेन ने यह भी बताया कि दुनियाभर में हर साल लाखों लोगों की मौत कैंसर के कारण हो जाती है। कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी का इलाज भी बहुत ही महंगा है, जिसके कारण कई मरीजों की मौत बिना इलाज के हो जाती है। नया कंप्यूटर मॉडल कैंसर का पता लगाने और भविष्य में इलाज के नए दरवाजे खोलने में भी मदद कर सकता है।
वैज्ञानिक पहले भी कर चुके हैं ऐसा प्रयास
रिसर्चस ने बताया कि - 'इससे पहले भी वैज्ञानिकों ने एक अनूठा कंप्यूटर विकसित किया था, जो सिर्फ 0.3 मिलीमीटर का था। इस कंप्यूटर को बनाने वाले वैज्ञानिकों ने इस बात का दावा भी किया था कि यह कैंसर और कैंसर का इलाज पता करवाने में बहुत ही मददगार साबित हो सकता है।'