नारी डेस्क: चीन की प्राचीन संस्कृति और साहित्य में गर्भवती महिलाओं की देखभाल को लेकर कई अजीबोगरीब नुस्खे और अंधविश्वास बताए गए हैं। ये नुस्खे प्रेग्नेंसी के दौरान मां और भ्रूण की देखभाल के लिए centuries-old विश्वासों पर आधारित हैं। कुछ मिथकों के अनुसार कुत्ते का सिर उबालकर खाने से उनके बच्चे सुंदर और अच्छी तरह से विकसित होंगे। यहां हम कुछ प्रमुख अजीबोगरीब नुस्खों और प्राचीन साहित्य की जानकारी के बारे में आपको बातएंगे।
कुत्ते का सिर खाने से सुंदर बच्चा
चीनी संस्कृति में प्रचलित कुछ मिथकों का ज़िक्र जेन्डर ली ने अपनी 2005 की स्टडी 'Childbirth in Early Imperial China' में किया है। उन्होंने लिखा है कि गर्भवती महिलाओं को सफेद बालों वाले कुत्ते (बायमुगौ) का सिर उबालकर खाने से उनके बच्चे सुंदर और अच्छी तरह से विकसित होंगे। हालांकि, आधुनिक चिकित्सा में इस प्रकार के मिथक को किसी भी तरह से वैज्ञानिक समर्थन नहीं मिलता।
प्राचीन चीनी साहित्य और गर्भावस्था के नुस्खे
चीन के प्राचीन साहित्य ताइचांशु में गर्भवती महिलाओं के लिए विशेष नुस्खे और दिशा-निर्देश दिए गए हैं। इस साहित्य का खोज 168 ईसा पूर्व में हुआ था और इसमें गर्भावस्था के 10 महीनों की विस्तृत जानकारी उपलब्ध है। ताइचांशु में बताया गया है कि गर्भवती महिलाओं को किस प्रकार की डाइट और लाइफस्टाइल अपनानी चाहिए, और प्रसव के समय ध्यान देने योग्य बातें कौन सी हैं।
गर्भावस्था के चौथे महीने में विशेष देखभाल
ताइचांशु के अनुसार, गर्भावस्था के चौथे महीने के दौरान भ्रूण को पानी देने की बात कही गई है। इस समय भ्रूण का खून बनना शुरू होता है और इसके लिए विशेष खाद्य पदार्थों का सेवन करने की सलाह दी गई है। कहा गया है कि चावल, गेहूं और कीचड़ में रहने वाली ईल सबसे अच्छे खाद्य पदार्थ हैं। इन खाद्य पदार्थों में पाए जाने वाले पोषक तत्व भ्रूण के खून की सफाई और आंखों में चमक बढ़ाने में मदद करते हैं।
प्राचीन चीनी मिथक और उनके प्रभाव
प्राचीन चीनी संस्कृति में गर्भवती महिलाओं के लिए कई अजीबोगरीब मिथक और नुस्खे हैं जो आज भी चर्चा में रहते हैं। ये मिथक गर्भवती महिलाओं की देखभाल से लेकर बच्चे के जन्म तक की प्रक्रिया को लेकर हैं। इन अंधविश्वासों पर लोगों ने वर्षों तक विश्वास किया और इनका पालन किया।
अन्य अजीबोगरीब मिथक
चीन में प्रसव से जुड़े कई अन्य अंधविश्वास भी हैं। जैसे, गर्भवती महिलाओं को चावल के छोटे कटोरे का उपयोग करने की सलाह दी जाती है, ताकि उनके बच्चे का सिर छोटा रहे। वहीं, दही के साथ सूखी बीन खाने से भ्रूण की झिल्लियां अधिक मोटी नहीं होतीं। प्रसव के समय, दाई को रसोई में जाकर चाकू छूने की प्रथा है, ताकि बुरी आत्माओं को दूर रखा जा सके।
आधुनिक दृष्टिकोण और प्राचीन नुस्खे
वर्तमान में, गर्भवती महिलाओं की देखभाल और उनकी डाइट को लेकर आधुनिक चिकित्सा विज्ञान ने कई महत्वपूर्ण सुझाव दिए हैं। हालांकि, प्राचीन नुस्खे और मिथक आज भी सांस्कृतिक महत्व रखते हैं और इन्हें समझना और अध्ययन करना एक रोचक अनुभव हो सकता है।
चीन की प्राचीन संस्कृति और साहित्य में गर्भवती महिलाओं के लिए अजीबोगरीब नुस्खे और अंधविश्वासों का उल्लेख मिलता है। इन नुस्खों ने लंबे समय तक लोगों को प्रभावित किया और गर्भावस्था के दौरान देखभाल के लिए विशेष दिशा-निर्देश प्रदान किए। हालांकि, आधुनिक चिकित्सा विज्ञान के चलते आज के समय में गर्भवती महिलाओं की देखभाल में कई बदलाव आए हैं, लेकिन इन प्राचीन मान्यताओं का अध्ययन करना भी महत्वपूर्ण और रोचक है।