दक्षिण गोवा के सांवर्डे में एक ही परिवार के 250 से अधिक सदस्य 288 वर्ष पुरानी अपनी पुश्तैनी हवेली में एकत्र होकर धूमधाम से गणेशोत्सव मना रहे हैं। इस आलीशान हवेली में ‘सिंघम रिटर्न्स’ की शूटिंग हुई थी, लेकिन गोवा के कई अन्य परिवारों की तरह इस हवेली में भी हर गणेशोत्सव पर ‘फैमिली रिटर्न्स’ गीत सुनाई देता है।
1734 में बनाई गई थी ये हवेली
गोवा में यह एकमात्र परिवार नहीं है, जिसके देश और दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में रह रहे सदस्य गणेशोत्सव मनाने के लिए गोवा स्थित अपने घरों को लौटे हैं। यह उत्सव राज्य से बाहर बसे लोगों के लिए अपने परिजन से फिर से मिलने का अवसर होता है। इस परिवार के सदस्य मंदार सांवर्डेकर ने कहा कि परिवार के 250 से अधिक सदस्य गणेश चतुर्थी मनाने के लिए एकत्र हुए हैं। यह हवेली 1734 में बनाई गई थी और तब से परिवार के सभी सदस्यों की हर पीढ़ी यह उत्सव मनाने के लिए एक छत के नीचे आती है।’
हवेली में हैं 80 कमरे
चार हजार वर्ग मीटर क्षेत्रफल में बनी इस आलीशान हवेली में करीब 80 कमरे, चार आंगन और चार कुएं हैं। इस हवेली में अभिनेता अजय देवगन की फिल्म ‘सिंघम रिटर्न्स’ की 2014 में शूटिंग हुई थी। इस परिवार के सदस्य देश के अलग-अलग हिस्सों में रहते हैं। इस बार परिवार की 11वीं पीढ़ी गणेश चतुर्थी साथ मना रही है। परिवार के सदस्यों में विंग कमांडर विश्वनाथ सांवर्डेकर शामिल हैं, जिन्होंने भारतीय वायु सेना में सेवाएं दी थीं और वह पुरस्कृत युद्ध नायक थे। उनकी करीब तीन दशक पहले एक विमान हादसे में मौत हो गई थी।
11वीं पीढ़ी मना रही है उत्सव
सेवानिवृत्त पेशेवर सागर सांवर्डेकर ने कहा कि वह और उनका परिवार हर साल गणेश चतुर्थी मनाने हवेली में आता है। इस हवेली में हर परिवार का अपना अलग कमरा है। हवेली के निर्माण के बाद से इस साल परिवार की 11वीं पीढ़ी यहां उत्सव मनाने आ रही है। उन्होंने दावा किया कि उनका परिवार देश के सबसे पुराने संयुक्त परिवारों में से एक है। परिवार के सदस्य यह सुनिश्चित करते हैं कि वे इस भव्य भवन के रख-रखाव में योगदान दें।
सालों से जारी है ये परंपरा
प्रणव ने कहा कि परिवार पिछले करीब 300 साल से रख-रखाव निधि में योगदान दे रहे हैं। इसकी विरासत को संरक्षित रखा गया है, जबकि यह काफी महंगा है। इसी तरह दक्षिण गोवा के राया में कुवेलकर परिवार के भी सभी सदस्य हर साल इस मौके पर एकजुट होते हैं और धूमधाम से गणेशोत्सव मनाते हैं। इस परिवार के सदस्य डॉ. साईदत्त कुवेलकर ने कहा कि गणेश चतुर्थी के लिए एक सदी पुराने घर में लौटना उनकी परंपरा रही है। उन्होंने कहा, ‘‘यह परंपरा लगातार जारी रहेगी।’’