तुलसी को आयुर्वेद में दवाई के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। एंटी-बैक्टीरियल, एंटीऑक्सीडें गुणों से भरपूर तुलसी सर्दी-खांसी, जुकाम, स्किन इंफेक्शन से लेकर इम्यूनिटी बढ़ाने में काफी मददगार है। कोरोना काल में इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए तुलसी का काढ़ा खूब पिया गया लेकिन जहां हर चीज के फायदे होते हैं वहीं उसके कुछ नुकसान भी होते हैं। उसी तरह गलत तरीके व मात्रा में खाई तुलसी भी आपको कई तरह से नुकसान पहुंचा सकती है। वहीं, कुछ लोग तो ऐसे भी हैं जिनके लिए तुलसी का सेवन बेहद हानिकारक हो सकता है।
तुलसी खाने का सही समय
आमतौर सुबह खाली पेट इसका सेवन फायदेमंद माना जाता है। इससे पचाने में दिक्कत होती है इसलिए भोजन के बाद इसका सेवन बिल्कुल ना करें। इससे आपको पाचन संबंधी दिक्कतें हो सकती हैं।
तुलसी के प्रकार
तुलसी तीन तरह की होती है राम तुलसी (ब्राइट ग्रीन के पत्ते), शाम तुलसी (छोटे डार्क ग्रीन कलर के पत्ते), काली तुलसी (छोटे डार्क पत्ते)। आमतौर पर घरों में राम व शाम तुलसी पाई जाती है, लेकिन आयुर्वेद में काली तुलसी का इस्तेमाल किया जाता है। तुलसी के बीज भी सेहत के लिए बहुत गुणकारी है, जिसे आप चूर्ण की तरह भी खा सकते हैं।
तुलसी की तासीर
तुलसी की तासीर गर्म होती है इसलिए गर्मियों में इसका अधिक सेवन ना करें। सर्दियों में आप इसकी चाय या काढ़ा बनाकर पी सकते हैं लेकिन लिमिट में।
अगर आप भी तुलसी के नुकसान नहीं जानते हैं तो एक यह खबर जरूर पढ़ लें...
खून को पतला कर सकती है तुलसी
तुलसी में कुछ ऐसे तत्व होते हैं, जिससे खून पतला होता है। ऐसे में अगर आपको खून से जुड़ी कोई भी समस्या है तो इसका सेवन बिल्कुल ना करें। वहीं, खून जमाने वाली दवाओं के साथ भी इसका सेवन ना करें।
सर्जरी के तुरंत बाद न खाएं तुलसी
बेशक तुलसी का सेवन इम्यूनिटी बढ़ाता है लेकिन जिन लोगों की सर्जरी हुई हो उन्हें तुलसी का सेवन बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए। इसके अलावा सर्जरी से पहले या उस दौरान भी तुलसी ना खाएं। इससे खून का थक्का बनने की प्रक्रिया धीमी हो जाती है, जिससे अधिक खून बहने का खतरा रहता है।
हाइपोथायरायडिज्म
हाइपोथायरायडिज्म से जूझ रहे हैं तो तुलसी का सेवन करने से बचें। इससे थायरॉक्सिन लेवल कम हो जाता है जो हाइपोथायरायडिज्म मरीजों के लिए सही नहीं है।
डायबिटीज
इससे शरीर में रक्त शर्करा की की मात्रा कम हो जाती है इसलिए डायबिटीज से ग्रस्त लोग, जो दवा ले रहे हैं उन्हें भी तुलसी का सेवन नहीं करना चाहिए।
तुलसी चाय का अधिक सेवन
अदरक तुलसी की चाय अधिक सेवन करने से भी सीने में जलन, एसिडिटी और पेट में जलन जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
प्रेगनेंसी में ना करें सेवन
इसके अलावा प्रेगनेंसी में भी तुलसी का सेवन नहीं करता चाहिए। इसमें मौजूद यूजेनॉल तत्व गर्भाशय में संकुचन और मासिक धर्म शुरू होने का कारण बन सकता है। इससे गर्भपात या प्रीमैच्चोर डिलीवरी का खतरा बढ़ जाता है। खासकर शुरूआती महीने में तुलसी का सेवन बिल्कुल भी ना करें।
फर्टिलिटी होती है प्रभावित
शोध के मुताबिक, अधिक मात्रा में तुलसी का सेवन महिलाओं व पुरुषों दोनों में फर्टिलिटी को बाधित करता है। इसके कारण पुरुषों में स्पर्म काउंट कम हो जाते हैं जबकि महिलाओं के फर्टिलाइज्ड एग के यूट्रस से अटैच होने की संभावना कम हो सकती है।