कोरोना काल में मां का दूध बच्चों के लिए कवच बना हुआ है। भले ही मां कोरोना पॉजिटिव हो लेकिन बच्चे उससे बच्चे को वायरस इंफेक्शन नहीं हुआ, जिसकी वजह है मां की औषधीए गुणों से भरपूर दूध। हाल ही में हुए शोध में सामने आया है कि जो नवजात पॉजिटिव मां का दूध पीते रहे, उन्हें कोरोना छू भी नहीं पाया।
मां के दूध से मिली नवजातों को जिंदगी
दरअसल, गुजरात में 241 कोरोना पॉजिटिव महिलाओं की डिलीवरी हुई। प्रोटोकाल के अनुसार जब शिशुओं की जांच की गई तो उसमें 13 बच्चे पॉजिटिव और 228 शिशु नेगेटिव पाए गए। इसके बाद कोरोना पॉजिटिव मां इलाज होता रहा और प्रोटोकॉल के अनुसार इस दौरान शिशु मां का दूध पीते रहे। रिसर्च में सामने आया कि जितने भी बच्चे कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे वह सभी ठीक हो गए।
शिशु के लिए कवच है मां का दूध
एक्सपर्ट का कहना है कि भले ही मां कोरोना पॉजिटिव हो लेकिन उसने दूध में मौजूद औषधीए गुण शिशु को कोई नुकसान पहुंचाते। मां के दूध से कोरोना नहीं फैलता। अगर मां पॉजिटिव हो तो भी दूध का कोई बुरा प्रभाव नहीं पड़ता। बल्कि मां के दूध से वंचित रहने के कारण बच्चे अन्य बीमारियों के शिकार हो सकते हैं, जिससे वह शायर जिंदगी भर ना उभर पाएं।
क्यों फायदेमंद है मां का दूध?
दरअसल, मां के दूध में पौष्टिक तत्व, प्रोटीन, फैट और विटामिन होते हैं, जो शिशु की इम्यूनिटी बढ़ाने में मदद करते हैं। मां का दूध नवजातों के लिए सुरक्षा कवच की तरह काम करता है, जिससे वो कई बीमारियों से बचे रहते हैं। इससे गैस, कब्ज, उल्टी, दस्त के साथ शिशु गंभीर बीमारियों से भी बचे रहते हैं।
मां के दूध में मौजूद पोषक तत्व
एनर्जी (67 किलो कैलोरी), प्रोटीन (1.3 ग्राम), फैट (4.2 ग्राम), कार्बोहाइड्रेट (0.7 ग्राम), सोडियम (15 मि.ली.), फास्फोरस (15 मि.ली.), कैल्शियम (35 मि.ली.), विटामिन सी (3.8 मि.ली.), आयरन (76 माइक्रोग्राम), विटामिन ए (60 माइक्रोग्राम) और विटामिन डी (0.01 माइक्रोग्राम) होता है।