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आर्यन खान मामला: NCB के मुख्य गवाह की अचानक हुई मौत, ड्रग केस में खाेले थे कई राज

  • Edited By vasudha,
  • Updated: 02 Apr, 2022 11:05 AM
आर्यन खान मामला: NCB के मुख्य गवाह की अचानक हुई मौत, ड्रग केस में खाेले थे कई राज

बॉलीवुड सुपरस्टार शाहरूख खान के बेटे आर्यन खान से जुड़े क्रूज पर ड्रग मामले में नया अपडेट सामने आया है। इस केस से जुड़े नॉरकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) के गवाह प्रभाकर साइल की अचानक मौत हो गई। आर्यन खान की गिरफ्तारी के बाद प्रभाकर साइल चर्चा में आया था और उन्होंने ही एनसीबी के तत्कालीन मुंबई जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े पर गंभीर आरोप लगाए थे।

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प्रभाकर साइल ने किया था बड़ा दावा

वकील तुषार खंडारे ने बयान जारी कर कहा था कि- शुक्रवार को चेंबूर के माहुल इलाके में उनके आवास पर दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हो गया। याद हो कि प्रभाकर साइल ने एनसीबी कोर्ट में एक हलफनामा दाखिल कर आरोप लगाया था कि-  क्रूज ड्रग्स केस में फंसे आर्यन खान को छोड़ने के लिए शाहरुख खान की मैनेजर पूजा डडलानी, केपी गोसावी और सैम डिसूजा के बीच 25 करोड़ रुपए में डील हो रही थी और 18 करोड़ पर सहमति बनी थी।

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एनसीबी को मिला 60 दिन का समय

साइल ने यह भी बताया था कि-  इसमें 8 करोड़ रुपये समीर वानखेड़े को दिए जाने थे, जिन्होंने इस पूरे प्रकरण में कार्रवाई की थी। केपी गोसावी वही शख्स है जिसकी आर्यन खान के साथ सेल्फी लेते हुए एक तस्वीर सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुई थी। वहीं दो दिन पहले मुंबई की एक विशेष अदालत ने  एनसीबी  को  आर्यन खान से जुड़े क्रूज पर ड्रग मामले में आरोपपत्र दाखिल करने के लिए और 60 दिन का समय दिया।

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एनसीबी ने मांगा था 90 दिन का समय 

जांच एजेंसी ने सोमवार को विशेष न्यायाधीश वी वी पाटिल के सम्मुख एक आवेदन देकर इस मामले में आरोपपत्र दाखिल करने के लिए और 90 दिन का समय मांगा था और कहा था कि इस मामले में जांच अभी चल ही रही है। लेकिन न्यायाधीश पाटिल ने अभियोजन एवं बचाव पक्षों के वकीलों की बातें सुनने के बाद जांच एजेंसी को इस मामले में आरोपपत्र दाखिल करने के लिए 60 दिन का वक्त दिया।

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ये है पूरा मामला

आर्यन खान (24) को पिछले साल तीन अक्टूबर को मुम्बई के तट के समीप एक क्रूज जहाज पर छापे के बाद गिरफ्तार किया गया था। आरोपियों पर प्रतिबंधित ड्रग को कथित रूप से रखने, सेवन करने, खरीद/बिक्री करने, साजिश आदि को लेकर स्वापक औषधि एवं मन: प्रभावी पदार्थ अधिनियम (एनडीपीएस एक्ट) की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया किया।
 

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