कोरोना वायरस के बढ़ते खतरे के साथ वैज्ञानिकों की चिंता भी बढ़ती जा रही है। हालांकि भारत के तीन वैक्सीन कैंडिडेट्स कामयाबी के काफी करीब हैं। इसी बीच खबरे आ रही हैं कि वहीं दूसरी तरफ कोरोना के गंभीर लक्षणों को कम करने के लिए प्लाज्मा पर काम किया जा रहा है, जिसे घोड़ों की मदद से तैयार किया गया है।
दरअसल, हैदराबाद की फार्मास्युटिकल कंपनी बायोलॉजिकल ई. लिमिटेड ने एक प्लाज्मा 'एंटीसेरा' बनाया है, जिसमें भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) ने उनका साथ दिया। ICMR का कहना है कि एंटीसेरा (Antisera) घोड़ों में अक्रिय Sars-Cov-2 का इंजेक्शन देकर तैयार किया गया है। अब इंसानों पर इसके ट्रायल की तैयारी चल रही है।
क्या है एंटीसेरा?
एंटीसेरा एक तरह का ब्लड सीरम है, जो रोगाणुओं, बैक्टीरिया व वायरस से लड़ने के लिए शरीर में एंटीबॉडी बनाता है। साथ ही इससे इम्यूनिटी भी बढ़ती है, जिससे बैक्टीरिया या वायरस से लड़ने में मदद मिलती है। हॉर्स सेरा का इस्तेमाल रेबीज, वैक्सीनिया वायरस, हेपेटाइटस बी, बोटूलिज्म, डायरिया और टेटनस के इलाज में भी किया जाता है।
कैसे करता है काम?
शोध की रिपोर्ट के मुताबिक, इस एंटीसेरा से बनने वाली एंटीबॉडी वायरस को निष्क्रिय कर देती है। वहीं, इस इंजेक्शन की लागत भी कम है और यह काफी असरदार भी है इसलिए शोधकर्ता इसे उपचार के लिए फायदेमंद मान रहे हैं।
जल्द शुरू होगा इंसानों पर ट्रायल
ICMR के महानिदेशक प्रोफेसर बलराम भार्गव इंसानों पर प्लाजमा थेरेपी कारगार साबित न होने के विकल्प में 'हॉर्स सेरम' (एक्वाइन सेरम) बनाया गया है। 'औषधि महानियंत्रक' से मंजूरी मिलने के बाद इंसानों पर पहले क्लीनिकल ट्रायल शुरू किए जाने की तैयारी चल रही है।