सावन का महीना शुरू होने के साथ ही मंगलवार से कांवड़ यात्रा आरंभ हो गई है और गंगा जल भरने हेतु कांवड़ियों के हरिद्वार पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया । एक पख़वाड़े तक चलने वाली कांवड़ यात्रा में शिव भक्त सैकङों किलोमीटर की पैदल यात्रा कर यहां से गंगा जल लेकर वापस जाएंगे और अपने गांव और क्षेत्र के शिवालयों में शिव त्रयोदशी के दिन शिव का जलाभिषेक करेंगें।
कांवड़ यात्रा को देखते हुए मुजफ्फरनगर जिले के सभी शैक्षणिक संस्थान आठ से 16 जुलाई तक बंद रहेंगे। प्रशासन के अनुसार यात्रा के दौरान किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए यहां भारी यातायात पर प्रतिबंध लगाया गया है और 11 जुलाई से दिल्ली-हरिद्वार राष्ट्रीय राजमार्ग पर यातायात का मार्ग परिवर्तित कर दिया जाएगा।
जिला प्रशासन के अधिकारियों ने बताया कि जिले में कांवड़ यात्रा के मद्देनजर आठ जुलाई से 16 जुलाई तक सरकारी और निजी संस्थानों सहित सभी स्कूलों और कॉलेजों को बंद करने का आदेश दिया गया है। प्रशासन के मुताबिक दिल्ली से देहरादून, ऋषिकेश, हरिद्वार राजमार्ग पर यातायात को वैकल्पिक मार्गों पर मोड़ दिया जाएगा।
अब एक पख़वाड़े तक हरिद्वार मे भोले बम और बम-बम की गूंज रहेगी। ज्योतिषाचार्य प्रतीक मिश्रपुरी ने बताया कि सबसे पहले गुरू द्रोणाचार्य ने हरिद्वार से कांवङ में गंगा जल भरकर मेरठ के पास पुरा महादेव मंदिर मे भगवान शिव का जलाभिषेक किया था।
कांवड़ को श्रवण कुमार की कथा के साथ भी जोड़ा जाता है जिन्होंने अपने अंधे मां-बाप को कांवड़ में बैठाकर तीर्थयात्रा कराई थी। इस वर्ष चार करोड़ से अधिक कांवडियों के आने का अनुमान है जिसे देखते हुए पुलिस और प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करने का दावा किया है ।