सरकारी कंपनी एयर इंडिया की 67 सालों के बाद वापसी हो रही है। एक बार फिर यह कंपनी टाटा ग्रुप की झोली में जा रही है। बताया जा रहा है कि एयर इंडिया के लिए टाटा ग्रुप और स्पाइसजेट के अजय सिंह ने बोली लगाई थी, लेकिन सरकार ने टाटा को चुना। याद हो कि टाटा ग्रुप के जेआरडी टाटा ने ही Air India की शुरुआत की थी
टाटा समूह ने अक्टूबर, 1932 में टाटा एयरलाइंस के नाम से एयर इंडिया का गठन किया था। 15 अक्टूबर 1932 को इसने पहली बार उड़ान भरी थी, पहली फ्लाइट कराची से बॉम्बे की रही जो आगे चेन्नई तक गई थी। साल 1947 में देश की आज़ादी के बाद एक नेशनल एयरलाइंस की ज़रूरत महसूस हुई और भारत सरकार ने Air India में 49% हिस्सेदारी लेली। सरकार ने 1953 में एयरलाइन का राष्ट्रीयकरण कर दिया।
यह एशिया की पहली ऐसी एयरलाइन है जिसने सबसे पहले अपने बेड़े में जेट एयरक्राफ्ट को जोड़ा था। फरवरी 1960 में एयर इंडिया ने बोइंग 707 के रूप में पहले जेट एयरक्राफ्ट को जोड़ा था। उसका नाम रखा गया 'गौरी शंकर'। 1962 में एयर इंडिया इंटरनेशनल का नाम बदलकर एयर इंडिया कर दिया गया। 2007 में सरकार ने इंडियन एयरलाइंस का एयर इंडिया में विलय कर दिया।
सरकार ने एयरलाइन में अपनी 100 प्रतिशत हिस्सेदारी बेच दी है। इसमें एयर इंडिया की 100 प्रतिशत हिस्सेदारी वाली एआई एक्सप्रेस लि. और 50 प्रतिशत हिस्सेदारी वाली एयर इंडिया एसएटीएस एयरपोर्ट सर्विसेज प्राइवेट लि. शामिल हैं।