बहुत से लोगों की मोतियों की माला या अंगूठी पहनने का बेहद शोक होता है। मोती कोई रत्न नहीं बल्कि एक प्राकृतिक संरचना है, तभी तो ज्योतिष शास्त्रों द्वारा इसे नवरत्नों की श्रेणी में रखा गया है। कहा जाता है कि समुद्र में सीपियों से प्राप्त होने वाला अद्भुत रत्न बड़ी ही दुर्लभता से मिलता है। बनावट से शुद्ध मोती बिल्कुल गोल व रंग में दूध के समान सफेद होता है।
शांति प्रदान करता है मोती
ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार माेती को धारण करने वालों का मन शांत, सुंदर और शीतल रहता है। नीलम और पुखराज जैसे रत्नों का प्रभाव जहां जल्द देखने को मिलता है वहीं शांति प्रदान करने वाले मोती का असर भी देर से मगर जीवन भर देखने को मिलता है। आज हम आपको बताते हैं कि इस रत्न के फायदे और यह भी जानें कि इसे कब और कैसे पहनना चाहिए।
ये हैं मोती धारण करने के फायदे
पहला लाभ: मन को शांत कर तनाव करता है कम ।
दूसरा लाभ: मन से सभी तरह का भय दूर कर सुकून भरी नींद प्रदान करता है।
तीसरा लाभ: सेहत के लिए भी फायदेमंद सिद्ध होता है। खासतौर पर महिलाओं की हार्मोनल प्रॉबल्मस को दूर करता है।
चौथा लाभ: कभी-कभी आर्थिक परेशानियां भी दूर करता है।
कर्क राशी के लिए ज्यादा लाभकारी
शास्त्रों के अनुसार मोती रत्न का स्वामी ग्रह चंद्रमा है एवं कर्क राशी के जातकों के लिए यह सबसे ज्यादा लाभकारी माना जाता है। कुंडली में चन्द्र ग्रह से सम्बंधित सभी दोषों में मोती को धारण करना लाभप्रद होता है, चंद्रमा का प्रभाव एक जातक के मस्तिष्क पर सबसे अधिक होता है इसलिए मन को शांत व शीतल बनाये रखने के लिए मोती धारण करना चाहिए।
ज्योतिष की सलाह पर धारण करें माेती
इसके अतिरिक्त मेष राशि, तुला, वृश्चिक और मीन राशि के लोगों के लिए भी मोती पहना शुभ होता है। इसलिए किसी विद्वान या ज्योतिष की सलाह से मोती धारण करना इस राशि के लोगों के लिए लाभदायक माना जाता है। जिन लोगों को बहुत गुस्सा आता है और उनका मन कभी भी एक जगह स्थिर नहीं रहता उन लोगों को मोती धारण करने की सलाह दी जाती है।
इन राशि वालों को नहीं पहनना चाहिए मोती
शास्त्रों के अनुसार शुक्र ग्रह की स्वामित्व वाले वृषभ लग्न वालों को मोती रत्न धारण नहीं करना चाहिए, ऐसा करना उनके लिए काफी नुकसानदायक होता है। वृष लग्न वाले अगर मोती रत्न धारण करते हैं तो उनको आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है और अचानक से गैर जरूरी खर्चे भी बढ़ जाते हैं। वहीं मिथुन लग्न वालों के लिए भी यह लाभकारी नहीं है। सिंह लग्न वालों को मोती धारण ना करने की सलाह दी जाती है।
मोती की माला पहनना भी उत्तम
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार मोती का संबंध मां लक्ष्मी से माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि गोल और लंबे आकार का मोती पहनने से धन लाभ होता है और मां लक्ष्मी प्रसन्न होती है। गोल मोती की माला पहनना सबसे उत्तम माना गया है। मोती का संबंध चंद्रमा से है. इसलिए इसे धारण करने से पूर्व जन्म कुंडली में चंद्रमा की स्थिति का आंकलन अवश्य कर लेना चाहिए।
किस दिन कब धारण करना चाहिए मोती
मोती को चांदी की अंगूठी में शुक्ल पक्ष की सोमवार रात्रि को धारण करना चाहिए। हाथ की सबसे छोटी अंगुली में मोती पहनना शुभ माना जाता है। आप चाहें तो इसे पूर्णिमा को भी धारण कर सकते हैं। धारण करने के पहले आप इसे गंगाजल से धोकर , शिव जी को अर्पित करें। उसके बाद ही इसे हाथ की छोटी अंगुली में धारण करें।