नवरात्रि व्रत में लोग कुट्टू के आटे की रोटी, पूड़ियां या पकौड़े बनाकर खाते हैं। गेहूं की तरह यह भी एक तरह का अनाज है, जो प्रोटीन, आयरन, मैग्नीशियम, और फाइबर से भरपूर होता है इसलिए सेहत के नजरिए से भी यह काफी फायदेमंद माना जाता है। जिन्हें गेंहूं से एलर्जी होती है उनके लिए तो यह बेस्ट ऑप्शन है। चलिए आज हम आपको बताते हैं कि कुट्टू के आटे से सेहत को क्या क्या फायदे मिलते हैं।
वजन घटाए
फाइबर और प्रोटीन से भरपूर होने के कारण इससे लंबे समय तक भूख नहीं लगती, जिससे आप ओवरईटिंग से बच जाते हैं। साथ ही कूट्टू में कैलोरी, संतृप्त वसा और कोलेस्ट्रॉल बहुत कम मात्रा में होता है, जिससे वेट लूज में मदद मिलती है।
डायबिटीज में फायदेमंद
कम कैलोरी और फैट मुक्त यह आटा ब्लड शुगर भी कंट्रोल करता है। ऐसे में नाश्ते में इसका सेवन डायबिटीज मरीजों के लिए बेस्ट ऑप्शन है।
मजबूत हड्डियां
प्रोटीन, कैल्शियम, मैग्नीशियम, फॉस्फोरस व पोटैशियम से भरपूर होने के कारण यह हड्डियों व दांतों को मजबूत भी बनाता है।
ब्लड प्रेशर कंट्रोल
कूट्टू मैग्नीशियम का सबसे बढ़िया स्त्रोत है, जो रक्त वाहिकाओं को आराम देकर रक्तचाप को कंट्रोल करता है।
पित्ते की पथरी से छुटकारा
इसमें मौजूद प्रोटीन पित्त में मौजूद पथरी के गठन और कोलेस्ट्रॉल को कम करता है। इससे शरीर में बाइल एसिड का निर्माण होता है, जो पथरी से छुटकारा दिलाता है।
अस्थमा में फायदेमंद
शोध के अनुसार, कुट्टू जैसे होल ग्रेन्स अस्थमा का करीब 50% जोखिम कम करते है। इसमें मैग्नीशियम और विटामिन ई भरपूर होता है जो अस्थमा से बचाने में कारगार है।
होते हैं नुकसान भी
. जहां हर चीज के कुछ फायदे होते हैं वहीं उसके नुकसान भी होते हैं। जिन लोगों को कुट्टू से एलर्जी हो उन्हें इसका सेवन नहीं करना चाहिए। इससे उल्टी, घबराहट, चक्कर व सांस लेने में दिक्कत होती है।
. अधिक मात्रा में इकसका सेवन पेट में ऐंठन व गैस का कारण बन सकता है क्योंकि इसमें फाइबर ज्यादा होता है। इरिटबल बोवेल सिंड्रोम से पीड़ित लोग इसका सेवन ना करें।
. बासी कूट्टू का आटा खाने से कोशिकाओं को नुकसान हो सकता है। इससे फूड पाइजनिंग का खतरा भी रहता है।