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6 तरह का होता है मोटापा, औंरतों के लिए आफत Visceral Fat

  • Edited By Anjali Rajput,
  • Updated: 21 Feb, 2021 09:53 AM
6 तरह का होता है मोटापा, औंरतों के लिए आफत Visceral Fat

जिस तरह हर किसी की बॉडी शेप अलग-अलग होती है उसी तरह मोटापा भी एक जैसा नहीं होता। हालांकि फैट चाहे शरीर के किसी भी हिस्से में हो सेहत के लिहाज से सही नहीं होता लेकिन कुछ फैट शरीर पर ज्यादा बुरा प्रभाव डालते हैं। चलिए आज हम आपको यही बताते हैं कि फैट कितनी तरह का होता है और कौन-सा फैट सेहत के लिए हानिकारक है।

सबसे पहले जानते हैं कि फैट कितनी तरह के होते हैं...

1. बैड फैट

फैट्स तीन तरह के होते हैं, सैचुरेटेड, पॉलीसैचुरेटेड, मोनोअनसैचुरेटेड फैट। अनसैचुरेटेड फैटस शरीर के लिए अच्छे होते है, जिन्हे गुड फैटस कहा जाता है जबकि सैचुरेटेड फैटस (बैड फैट) स्वास्थ्य के लिए अच्छे नहीं माने जाते। यही नहीं, मोटापा, टाइप-2 डायबिटीज, हार्ट डिसीज, हाई ब्लडप्रेशर और कैंसर का कारण भी यही है।

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2. वाइट फैट

रिसर्च के अनुसार, व्हाइट फैट पेट,  हिप्स, और जांघ में अधिक जमता है। वाइट यानि की गुड फैट सेहत के लिए नुकसानदायक नहीं है। रिसर्च बताती हैं कि इससे कई बीमारियों का खतरा कम होता है लेकिन इसकी ज्यादा मात्रा हानिकारक हो सकती है। हेल्दी शरीर के लिए गुड फैट का स्तर फिटनेस या फिजिकल एक्टिविटी पर निर्भर करता है। 

3. ब्राउन फैट

ब्राउन फैट नर्वस सिस्टम, स्पाइन, थ्रोट और किडनी के आसपास होता है, जो  व्यस्कों से ज्यादा बच्चों में होता है। इसकी वजह से शरीर में गर्माहट बनी रहती है क्योंकि यह शरीर को गर्म रखने के लिए फैटी एसिड्स को बर्न करता है। रिसर्च के अनुसार ब्राउन फैट ज्यादा ऊर्जा खर्च करती है, जो मोटापा कम करने के लिए जरूरी है। व्हाइट और ब्राउन फैट शरीर के हर हिस्से को सिग्नल भेजने में भी मदद करता है, जिससे आप एक्टिव रहते हैं।

4. बेज या पीला फैट ब्राइट फैट (Mix Fats)

बेज या ब्राइट फैट ब्राउन और वाइट फैटी कोशिकाओं के बीच में काम करता है। ये ब्राउन फैट के लिए बेज कोशिकाएं को बर्न करती हैं।

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5. जरूरी फैट (Essential Fat)

स्वस्थ रहने के लिए शरीर को फैट की जरूरत भी होती है, जो दिमाग, नसों के ऊपर एक पतली झिल्ली के रूप में कार्य करते है। इसके अलावा हार्मोन्स कंट्रोल करने में भी अहम भूमिका होती है।

6. विसरल फैट (Visceral Fat)

सबसे खतनाक विसरल फैट यानि आंतों में जमा वसा कई बीमारियों को न्यौता देती है। इसे बैली फैट भी कहा जाता है जो आमतौर पर आंत, लिवर, किडनी और दिल में जमा होता है। विसरल फैट का सबसे बड़ा कारण कैलोरी फूड्स लेना है।

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महिलाओं के लिए क्यों हानिकारक विसरल फैट?

महिलाओं में सबसे अधिक दिखने वाला विसरल फैट ना सिर्फ पीरियड्स में बाधा डालता है बल्कि इससे मांसपेशियों का भार भी कम होने लगता है। इसके कारण पेट ही नहीं बल्कि शरीर के कई हिस्सों में चर्बी जमा होने लगती है। औरतों के अलावा शराब पीने वाले पुरुषों में भी विसरल फैट अधिक होता है।

. विसरल फैट हार्ट अटैक, टाइप 2 डायबिटीज, हाई ब्लडप्रेशर, ब्रेस्ट में फैट जमा होना, तनाव, कोलोरेक्टल कैंसर, अल्जाइमर का रिस्क बढ़ता है।

. वहीं, शरीर में किसी भी दिल की बीमारी, स्ट्रोक, कॉरोनरी आर्ट्री डिजीज, प्रेगनेंसी में परेशानी, टाइप-2 डायबिटीज, हॉर्मोंस में बदलाव और कैंसर का खतरा रहता है।

सबसे पहले जानें शरीर में फैट नापे कैसे?

फैट को मापने का सबसे आसान तरीका है कि आप इंचटेप से कमर को नापें। अगर कमर का साइड बढ़ रहा है तो समझ लें कि शरीर में विसरल फैट भी बढ़ रहा है। इसके अलावा M.R.I स्कैन से भी इसका पता लगाया जा सकता है लेकिन यह काफी महंगा टेस्ट है।

कैसे करें फैट को कम?

. विसरल फैट को कम करने के लिए सबसे जरूरी है कि आप हैल्दी डाइट लें और कार्ब्स का सेवन कम से कम करें। इसके साथ ही एरोबिक, योग व एक्सराइज को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाएं।
. रोइंग, साइकलिंग, दौड़ना, स्ट्रेंथ ट्रेनिंग स्क्वाट और स्विमिंग जैसी एक्सरसाइज भी फैट करने में काफी मददगार हैं।
. कीटो डाइट भी विसरल फैट घटाने में सबसे कारगार है। दरअसल, कीटो डाइट कार्ब्स को फैट से रिप्लेस करती है, जिससे शरीर एनर्जी के लिए फैट को बर्न करने लगता हैं। इस तरह विसरल फैट कंट्रोल में आ जाता है लेकिन इसके लिए पहले एक्सपर्स से सलाह जरूर लें।

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याद रखें कि शरीर में किसी भी तरह का फैट बढ़ना सही नहीं है। इससे हेल्दी रहना आसान हो सकता है। साथ ही किसी भी शारीरिक परेशानी को नजरअंदाज ना करें और जल्द से जल्द डॉक्टर से संपर्क करें।

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